रायपुर । छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन परिवहन थमने का नाम नही ले रहा है। आपको बता दें कि बजट सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी इस मामले को गंभीरता से उठाया गया था। लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने बजट सत्र के दौरान लगातार अवैध रेत उत्खनन का दावा करते हुये कहा था कि अभी 200 पोकलेन नदियों में नही होंगी तो मैं विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा था कि रेत घाटों का अधिकार, पूर्व की तरह पंचायतों को देने की आवश्यकता है। अवैध रेत उत्खनन पर 15 दिनों तक लगातार कार्रवाई की मांग भी की गई थी।
इस सबके बावजूद प्रदेश भर में अवैध रेत उत्खनन परिवहन जारी है। गरियाबंद जिले के रेत घाटों में आपसी मारा मारी और मारपीट की घटनायें जानकारी में आती रही है। रेत चोरों के द्वारा कही खनिज अमले पर हमला किया गया तो कही पत्रकारों के साथ भी अवैध रेत घाटों में मारपीट की गई।
इस अवैध कारोबार की आंच से अब पुलिस विभाग भी बदनाम हो रहा है। बताया जा रहा है कि बिलासपुर में अवैध वसूली और खराब परफार्मेन्स के चलते लगभग 13 थानेदारों का तबादला कर दिया गया है। कोटा व बेलगहना क्षेत्र में पुलिसकर्मियों द्वारा रेत परिवहन करने वाले ट्रेक्टर मालिकों से अवैध वसूली की शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद कोटा टीआई को रतनपुर भेजा गया और बेलगहना चौकी प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है। हालांकि जारी आदेश में प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया गया है।
इधर रायपुर जिले के गोबरा नवापारा थानेदार अवध राम साहू को भी काम में लापरवाही और पारागांव में अवैध रेत खनन के दौरान एक मजदूर की मौत के आरोपियों को संरक्षण देने मामले में लाइन अटैच कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि गोबरा नवापारा थाने में पदस्थ टी आई अवध राम साहू आरोपियों के खिलाफ जांच में ढिलाई बरत रहे थे, उन्हें दूसरी बार लाइन अटैच किया गया है। गरियाबंद जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से रात्रि काल में आज भी ओव्हरलोड रेत परिवहन जारी है।
रेत के खेल में निपट रहे हैं थानेदार
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