दुर्ग : 8 अक्टूबर को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक विशाल सत्संग समागम का आयोजन प्रोजेक्टर एवम LED टीवी के द्वारा , सत्संग में आयोजित किया गया। सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु संत जी के प्रवचन सुनने पहुंचे।
संत रामपाल महाराज ने सत्संग में चारों वेदों की महिमा बताई, राधास्वामी पंथ की विस्तृत जानकारी व गुरु नानक देव जी कौन से मंत्र का जाप करते थे, इसके विषय में जानकारी दिया गया धार्मिक शास्त्रों से प्रमाणित सत्संग का विशेष कार्यक्रम :- कबीर पंथी संत आदरणीय गरीब दास जी महाराज की अमृतवाणी।
“अमर अनूपम कबीर आप है, और सकल सब खण्ड । सूक्ष्म से सूक्ष्म सही, पूरन पद प्रचंड ।। ” ही अलख अल्लाह हैं, कुतुब गौस और पीर । गरीब दास खालिक धनी, हमारा नाम कबीर ।। सरलार्थ:- वह अमर अनुपम (अद्भुत) परमात्मा स्वयं कबीर जी हैं। अन्य सब प्रभु खण्ड (नाशवान ) हैं यानि खण्डित होने वाले हैं। वह परमेश्वर सूक्ष्म से सूक्ष्म यानि समर्थ है। जैसे अणु से अधिक विस्फोटक परमाणु है।
इसी प्रकार परमेश्वर परमाणु से भी अधिक सूक्ष्म होने से अधिक शक्तिमान हैं और (पूर्ण पद) वह परम पद प्राप्त कराने वाले हैं जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आते। वह परमेश्वर ऐसा प्रचण्ड यानि प्रबल हैं, कबीर साहेब जी ने धार्मिक, सामाजिक पाखंडवाद और लोकवेद आधारित गलत भक्ति का पुरज़ोर विरोध किया व सद्ग्रंथों में वर्णित सतभक्ति का प्रकाश फैलाने के लिए जगह जगह अपना अमर संदेश सुनाया। शास्त्र विरुद्ध साधना कर रहे सनातनियों को अपनी वाणियों द्वारा जगाया।