नारायणपुर : जिला एवं दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र तुलारगुफा और मंगारी के मध्य पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुआ। जिसमे डीआरजी नारायणपुर के हेड कांस्टेबल सालिक राम मरकाम शहीद हुए,शहीद जवान ग्राम चवेला भानुप्रतापपुर के निवासी है। शहीद होने की खबर लगते ही अंचल में शोक की लहर दौड़ गई। घर मे मातम छा गया। बताया जा रहा है शहीद जवान के दो छोटे छोटे बच्चे हैं।

ग्राम चवेला निवासी मृतक के बड़े भैया अलखराम ने बताया शहीद जवान सालिक राम एक सप्ताह पूर्व ही अपने निवास स्थान चवेला घर आया था और अपनी बुजुर्ग माता जी से कहा था कि अगली बार मै एक माह की छुट्टी लेकर जल्दी गांव आऊंगा फिर मिलकर यहां पर नया मकान बनाएंगे और आज उनकी मौत की खबर आ गई। शहिद सालिकराम की स्कूली शिक्षा ग्राम चवेला व कालेज की पढ़ाई भानुप्रतापपुर में हुई है। परिवार मे एक ही सालिकराम सर्विस में था बाकी सभी खेती किसानी व मजदूरी से जीवनयापन करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए शहीद जवान आवश्यकता अनुसार रुपये भेजता था।

जवान का विवाह वर्ष 2013 में हुआ था विवाह के कुछ दिन बाद ही उनका नारायणपुर जिले में पुलिस विभाग में सर्विस लग गया था,तब से वह अपने परिवार पत्नी यशोदा मरकाम व दो बच्चे टाइगर व भुअन के साथ वही रहता था। बुजुर्ग मां बुधिया बाई एवं भाई पतिराम व बड़े भैया अलखराम मरकाम गांव में रहते है।
बुजुर्ग माँ का रो रोकर बुरा हाल
बुधवार दोपहर को बेटा की मौत की खबर सुनते ही बेटा को याद करते माँ घंटो रोती रही परिजन व आस-पास की महिलाएं व लोग एकत्रित होकर संतावना देते रहे। गांव सहित अंचल में शोक की लहर दौड़ गई।
पिता का सहारा छीना
शहीद सालिकराम के बचपन मे ही उनके पिताजी की मृत्यु हो गई थी, जिससे उनके व परिवार का जीवनयापन कठिन दौर से बीता, अब उनके बच्चों के साथ ही वही स्थिति निर्मित हो गई है। उनके बड़ा लड़का 05 एवं छोटा ढेड़ वर्ष का है। अब बच्चों की परवरिश की चिंता भी मंडराने लगी है
शहीद सैनिक की धर्मपत्नी एवं माता जी को सरकार घर की व्यवस्था करवाएं बच्चे लोगों को सरकार द्वारा सरकार पढ़ाई करवाये शहीद सैनिक की धर्मपत्नी को सरकार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें किया जाए