नगर निगम द्वारा भवन अनुज्ञा में 50,000 रुपये तक की अवैध वसूली, शिकायत के बाद भी कनिष्ठ अधिकारी नहीं हटे

राजनांदगांव : बड़े पैमाने में आम नागरिकों को नगर निगम द्वारा बेवकूफ बनाया जाता है। जो खसरा अवैध में नहीं है उसे भी अपने यहां लिस्ट में खसरा नंबर डालकर उसे अवैध बताकर मोटा रकम भवन अनुज्ञा के लिए डिमांड किया जाता है।
सूत्रों के हवाले से  ये भी खबर है कि छोटे वर्ग के अधिकारी बड़े सीनियर अधिकारियों के ऊपर बड़ा प्रभार देकर बैठाया गया । लगभग 2 साल से भवन अनुज्ञा के हर एक केस में 50,000 रूपये का वसूली किया जाता है।⬇️शेष नीचे⬇️

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राजनादगांव नगर निगम में चल रहा है मनमानी भर्राशाही : कुछ दिनों पहले बड़ी शिकायत के आधार पर जिस कनिष्ठ अधिकारी को हटाया गया था। और उसके जगह पर किसी दूसरे को कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया गया था। निगम अधिकारियों ने नियम को धता बताते हुए आज भी कनिष्ठ अधिकारी उस पद पर बने हुए हैं। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अभी तक उसे कनिष्ठ अधिकारी को हटाया नहीं गया है। जब आदेश उस कनिष्ठ अधिकारी को हटाने का आदेश आ गया है। तो उसे हटाया क्यों नहीं जा रहा है सूत्रों के हवाले से तो यह बड़ी खबर है कि मलाईदार पोस्ट होने के कारण अंगद की पांव की तरह जमे हुए हैं अब आने वाले समय में देखने वाली बात यह है कि उसे कनिष्ठ अधिकारी को कब हटाया जाएगा।

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