सरकारी काम जुलाई माह में ही निपटा लें नहीं तो ? जानिए वजह

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी अधिकारी-कर्मचारी संगठन ने अपनी मांग पूरी नहीं होने की दशा में 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) पर जाने का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को नोटिस दिया था। राज्य शासन द्वारा आज पर्यन्त मांगों के संबंध में प्रतिनिधिमण्डल से चर्चा कर कोई निर्णय नहीं लिए जाने की वजह से छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त शासकीय सेवकों में नाराजगी है।



कर्मचारियों की मांग है कि 7 वें वेतनमान के आधार पर केन्द्र के सामान देव तिथि से गृह भाड़ा भत्ता तथा कर्मचारियों पेंशनरों को महंगाई भत्ता-महंगाई राहत प्रदान किया जाए। छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों की अलग-अलग मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी, और वेतन विसंगति के लिए गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन के लिए राज्य के समस्त कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान क्रमश: 8, 16, 24 और 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत प्रदान किया जाए।



अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित किया जाए। पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जाए। पूर्ण पेंशन का लाभ अहंतादायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष किया जाए। कोविड काल में मितव्ययिता के दृष्टिगत समस्त विभागों की नवीन भर्ती में परिवीक्षा पर लागू स्टायपण्ड प्रणाली के स्थान पर पर पूर्ववत 2 वर्ष परिवीक्षा अवधि पूर्ण वेतनमान पर लागू किया जाए।

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