गरियाबंद : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार समर्थन मूल्य में धान खरीद कर किसान को सशक्त बनाने के लिए समर्थन मूल्य में धान खरीदती है तो वही प्रदेश की भुपेश बघेल की सरकार की छबि को धुमिल करने के लिए भी सरकार के अधिकारी व कर्मचारी कोई कसर नही छोड़ रहे है ऐसा ही मामला देखने को मिला है देवभोग में यहां मोहन लाल जैसे किसान आज भी अपने 87 बोरा धान के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर थक चुका है।
अब किसान मोहन लाल को प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से धान दिलवाने की उम्मीद जगी है क्या है दरअसल पिछले वर्ष भी छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी के समय देवभोग के तात्कालिक तहसीलदार समीर शर्मा के द्वारा किसान मोहनलाल की 87 बोरा धान को जब्ती की गई थी जिसके बाद किसान मोहन लाल ने देवभोग तहसील कार्यालय पहुंचकर आवेदन देकर धान के दस्तावेज एवं साक्ष्य प्रस्तुत किया था जिसके बाद किसान के धान को देवभोग के तात्कालिक तहसीलदार समीर शर्मा के द्वारा लावारिस बताकर मंडी समिति देवभोग में धान को सुपुर्द किया गया।
किसान मोहनलाल के द्वारा धान के समस्त दस्तावेज के साथ देवभोग तहसील कार्यालय , एसडीएम कार्यालय , कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर अपना धान के सारे दस्तावेज प्रस्तुत करने लगा लेकिन आज पर्यन्त तक किसान मोहनलाल को उसके 87 बोरा धान नही मिला ,अब भी सभी सरकारी चौखट पहुंचकर किसान धान की भीख मांग रहा है अब किसान मोहनलाल नागेश प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहा है कि 1 साल बीत जाने के बाद भी उसका हक का धान उसे नही मिल पा रहा है।
प्रदेश के मुखिया भुपेश बघेल जी ने निवेदन कर रहा है कि 87 बोरा धान उसे वापस दिलवा दे ,बहरहाल देखना होगा कि छत्तीसगढ़ के किसान हितेषी मुख्यमंत्री भुपेश बघेल किसान मोहनलाल की बात सुनते है या नही लेकिन किसान मोहनलाल नागेश को अब सीएम के देवभोग आने की खबर के बाद उम्मीद जगी है , धान खरीदी के दौरान अवैध भंडारण धान या अवैध परिवहन करते पकड़े गए धान को जब्त किया जाता जिसके बाद धान खरीदी के खत्म होते ही सम्बंधित किसान या ब्यापारी को उस धान को वापस कर दिया जाता है। ताकि संबंधित ब्यक्ति उस धान को मंडी में न खपा सके ऐसे में जब किसान मोहनलाल के धान की जब्ती हुई तो मोहनलाल ने भी सारे दस्तावेज देवभोग तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किया लेकिन देवभोग के तत्कालीन तहसीलदार समीर शर्मा के द्वारा धान को लावारिस बताकर नीलामी कर दी गई ।