➡️ 16 जुलाई 2025 को जिला एवम विकासखण्ड में रैली कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा – फेडरेशन
22 अगस्त 2025 को होगा एकदिवसीय हड़ताल
➡️ फिर एक बार कलम रख
मशाल उठा की दरकार – सतीश ब्यौहरे
➡️ सरकार “मोदी की गारंटी” लागू करे – फेडरेशन*
राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ शासन को मोदी की गारंटी लागू करने का नोटिस दिया है। फेडरेशन की बैठक में तय हुआ है कि प्रथम चरण में 16 जुलाई 25 को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिलों में रैली निकालकर “मोदी की गारंटी” लागू करने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। गौरतलब है कि फेडरेशन ने विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कर्मचारियों से किया गया *मोदी की गारंटी* का वादा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पूरा नहीं करने के कारण चरणबद्ध आंदोलन किया था। वादाखिलाफी के विरुद्ध पुनः आंदोलन का शंखनाद कर दिया है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक सतीश ब्यौहरे, जिला महासचिव पी.आर. झाड़े, जिला संरक्षक डॉ. के एल टांडेकर के अलावा संगठन के पदाधिकारीयों में प्रमुख रूप से डी एल चौधरी, टीकम सिंह ठाकुर, राम नारायण बघेल, भीषम ठाकुर संतोष चौहान डॉ अशोक जैन, वीरेंद्र कुमार रंगारी अरुण देवांगन, संजय तिवारी,कृतलाल साहू, विनोद मिश्रा, बृजभान सिन्हा, हरीश भाटिया, महेश साहू, केदार शांडिल्य, उपेंद्र रामटेके,दिलीप बारले, संजय सिंह, आदर्श वासनिक मनीष साहू, देवेंद्र सिंह ठाकुर ,एन एल देवांगन, उपेंद्र रामटेक, विजय यदु,अमरीश प्रजापति, कौशल शर्मा,सुदेश यादव, डैनी राम वर्मा, सुदेश कुमार टेंभुरकर, दीपक कुमार वैष्णव, संतोष देशमुख, महेश ठाकुर, डी के लिल्हारे अभिषेक श्रीवास्तव, प्रशांत सुखदेवे, हरिश्चंद्र यादव।
जी आर देवांगन ने बताया कि प्रथम चरण में 16 जुलाई 25 को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिला मुख्यालय में *वादा निभाओ रैली* के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। यदि छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाया तो 22 अगस्त 2025 को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश में रहकर राज्यव्यापी कलम बंद काम बंद हड़ताल करेंगे।उन्होंने बताया कि यदि सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा नहीं किया तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने बाध्य होगा। फेडरेशन का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी का घोषणा हुआ था। सरकार बनने पर
*प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान डी.ए./डी आर दिया जायेगा*;
*लंबित डी.ए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जी.पी.एफ.खाते में समायोजित किया जायेगा;
*अनियमित/संविदा/दैनिक वेतनभोगी/अतिथि शिक्षक इत्यादि संवर्ग का नियमितीकरण किया जायेगा;
*प्रदेश के सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर किया जायेगा;
*प्रदेश के लिपिकों,सहायक शिक्षकों एवं अन्य संवर्ग के लिए वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने
*पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जायेगा;
*मितानिनों,रसोईया एवं सफाई कर्मचारियों के मानदेय में 50 % वृद्धि किया जायेगा* सहित अन्य मुद्दों का वादा किया । लेकिन सरकार बनने के बाद क्रियान्वयन पर मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना हुआ है।
फेडरेशन ने प्रदेश में चार स्तरीय समयमान वेतनमान,प्रदेश के सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान,अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने, प्रदेश में कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों सहित शासकीय सेवक कल्याण के अनेकों मुद्दों का ज्ञापन राज्य सरकार को समय-समय पर दिया है। लेकिन सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। फेडरेशन ने कर्मचारी हित में पुनः 11 सूत्रीय ज्ञापन राज्य सरकार को दिया है।
राजनांदगांव से दीपक साहू





