दंतेवाड़ा- 11 दिसंबर 2021 दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बसाहट समुदाय तक कुपोषण एवं दैनिक उपयोग खाद्य व्यवहारों में परिवर्तन लाने बापी न उवाट कार्यक्रम का शुभारम्भ 10 दिसम्बर 2020 दंतेवाड़ा जिला प्रशासन एवं युनिसेफ के तकनीकी सहयोग से किया गया था। कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम सफलपूर्ण रहा।
बापी न उवाट कार्यक्रम जिसमें प्रत्येक गांव की एक बुजूर्ग महिला का चयन ‘‘बापी‘‘ के रूप में किया गया, जो अपने अनुभवों को विगत एक वर्ष से अपने गांव के प्रत्येक परिवार से साझा कर कुपोषण रूपी महामारी से निजात पाने, खाद्य विविद्यता एवं पोषण व्यवहार में परिवर्तन लाने समुदाय को जागरूक कर रही हैं। बापी के द्वारा मुख्य रूप से गृहभेंट के माध्यम से स्थानीय खाद्य सामग्रियों जैसे हरी पत्तेदार भाजियों एवं सब्जियों का सेवन करने के साथ-साथ हितग्राहियों के घरों में पोषण बाड़ी तैयार कर पौष्टिक तरकारियों को दैनिक आहार में लाने हेतु प्रेरित करना एवं शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, पूरक पोषण आहार, रेडी टू ईट फूड योजना का लाभ लेने जागरूक कर रही हैं। समुदाय एवं प्रशासन को जोड़ने तीसरी महिला (बापी) के अनुभवों एवं कारगार नुस्खों से अब समुदाय की महिलाएं एवं परिवार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक खाद्य सामग्रियों का सेवन, संस्थागत प्रसव, नियमित स्वास्थ्य जांच के प्रति जागरूक हो रहे हैं एवं स्वयं से आगे आकर बापी (दादी/नानी) से खुलकर बात करने लगे हैं, अपनी समस्याओं को बताने लगे हैं और बापी के नुस्खों को कारगार बताते हुए धन्यवाद दे रहे हैं।
बापी न उवाट के द्वितीय चरण में बापी द्वारा शासन/प्रशासन के देवगुड़ी में संकल्पित सात व्यवहारों (एनिमीया, कुपोषण, संस्थागत प्रसव, शत-प्रतिशत शिक्षा, सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण, मलेरिया मुक्त, गंदगी मुक्त) को समुदाय के बीच साकार करने हैं तैयार। प्रत्येक संकल्प के 5-5 व्यवहारों से रूबरू करेंगी बापी। इस कार्यक्रम का सफल संचालन श्री सोनी के सतत मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग दंतेवाड़ा के सहयोग से साकार हो सका।