11 हाथियों के दल ने सडक़ पर जमाया डेरा, 3 घंटे तक बंद रहा उदयपुर-केदमा मार्ग
सरगुजा मेन रोड से लगे मक्का बाड़ी के पास विचरण करता रहा हाथियों का दल, वन विभाग द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया मार्ग, हाथियों के दूसरी ओर चले जाने के बाद बहाल किया गया आवागमन
7 सितंबर से वन परिक्षेत्र उदयपुर में 11 हाथियों का दल डेरा जमाए हुए है। गज आतंक का आलम ऐसा है कि लोग दहशत में रात घर के बाहर बिताने को विवश हैं। हाथियों के दल ने अब तक लगभग 100 किसानों की धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों से बचाव के लिए वन अमले द्वारा मुनादी कराई जा रही है। शाम के समय में जंगल किनारे रहने वाले ग्रामीणों को शासकीय स्कूल व आंगनबाड़ी में शिफ्ट किया जा रहा है।
इसी बीच शनिवार को हाथियों का दल शाम लगभग 7.30 बजे से ही ग्राम लक्ष्मणगढ़ मक्का बाड़ी के समीप केदमा मुख्य मार्ग पर विचरण करने लगा। इसके मद्देनजर वन अमले द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से हाथियों के सडक़ पर और मक्का बाड़ी के आसपास रहते तक रात 11 बजे तक केदमा मार्ग को बंद कर दिया गया।
इसके लिए जजगी, लक्ष्मणगढ़, उपकापारा सभी जगहों पर अस्थाई बेरियर लगाए गए थे। हाथियों के महेशपुर जंगल की ओर रुख करने के बाद बंद मार्ग को खोला गया।
इसी बीच शनिवार को हाथियों का दल शाम लगभग 7.30 बजे से ही ग्राम लक्ष्मणगढ़ मक्का बाड़ी के समीप केदमा मुख्य मार्ग पर विचरण करने लगा। इसके मद्देनजर वन अमले द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से हाथियों के सडक़ पर और मक्का बाड़ी के आसपास रहते तक रात 11 बजे तक केदमा मार्ग को बंद कर दिया गया।
इसके लिए जजगी, लक्ष्मणगढ़, उपकापारा सभी जगहों पर अस्थाई बेरियर लगाए गए थे। हाथियों के महेशपुर जंगल की ओर रुख करने के बाद बंद मार्ग को खोला गया।
सडक़ बंद में केदमा जाने यात्री बस के साथ बाजार करने वाले व्यापारी व कुछ लोग पूरे तीन घंटे हाथियों की वजह से वही फंसे रहे। इस दौरान वन अमला पूरी तरह मुस्तैद रहा व हाथियों के हर मूवमेंट पर निगरानी जारी रही।
हाथियों की निगरानी में वन परिक्षेत्र अधिकारी गजेंद्र दोहरे के नेतृत्व में डिप्टी रेंजर अजीत सिंह, वनपाल गिरीश बहादुर सिंह, शशिकांत सिंह, नंद कुमार, बसंत भरत, परमेश्वर, अमरनाथ, बुधसाय, आर्मों कुमार, राजेश राजवाड़े, संतोष पैकरा सहित सुरक्षा श्रमिक कृष्णा यादव व अजय सक्रिय रहे।