CG24 NEWS :- शराब की आदत अनेक अपराधों दुष्कर्म प्रेरित विचारों व अनेक घातक बिमारियों की जननी है। वर्तमान में हत्या व दुष्कर्म आदि अपराध तेजी से बढ रहे हैं। अधिकांश अपराध नशे की हालत में ही होते हैं। नशा किसी भी तरह का हो विनाश का कारण ही है। मौजूदा परिवेश में नशे के कारण पारिवारिक व दाम्पत्य जीवन बहुत प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद भी शराब के पक्ष में विवादित बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोई इसे परम्पराओं से जोड़ता है तो कोई धार्मिक आख्यानों का सहारा लेता है। अगर हम इतिहास उठाकर व धार्मिक आख्यानों में भी देखें तो भी पौराणिक प्रति नायकों द्वारा भी शराब सेवन कर ही समाज का अहित करने का उल्लेख मिलता है। बल्कि जनप्रतिनिधियों व समाज के अग्रणी लोगों को शराब से होने वाली बुराइयों के दुष्परिणाम को बताकर व शराबबन्दी करवाकर दुर्व्यसनमुक व बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। नयी पीढ़ी का नशे की गिरफ्त में आना सरकार व समाज के लिए चिंता का विषय होना चाहिये। नशे का परिणाम हमेशा विनाशकारी ही रहा है। नशीले पदार्थों व दवाइयों पर प्रतिबन्ध लगा कर नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगा कर नयी पीढ़ी को नयी दिशा दी जा सकता है। नशे के कारण आए दिन लूट पाट मार पीट बलात्कार छीना-झपटी के मामले उजागर होतेहैं। नशे की प्रवृत्ति नशीले पदार्थों व दवाइयों पर पुर्ण रूप से प्रतिबंध होगा तो ऐसी अप्रिय व दुखद घटनाओं को रोका जा सकता है। सरकार को शराब से होने वाली बुराइयों को जनता से अवगत कराने व शराब का प्रसार रोकने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। सरकार ने शराब को अधिक आय का जरिया बना रखा है परन्तु विचारणीय है कि नशे के प्रयोग से उत्पन्न रोगों के इलाज में भी बहुत धनराशि खर्च होती है। गौरतलब है कि जिन प्रान्तों में शराब बन्दी हुई है वहां अपराध का ग्राफ नीचे आया है। जैसे बिहार में शराब बन्दी के बाद अपराध मे कमी आई है। जहाँ जहाँ भी नशामुक्ति हुआ है वहां के मजदूर वर्ग व जनता खुश सम्रद्ध व खुशहाल है। नशामुक्ति जीवन की अनिवार्य आवश्यकता होना चाहिए। विभिन्न समाजसेवी संगठनों सामाजिक कार्यकर्ताओं व प्रबुद्ध वर्ग मिलकर प्रयास करें तो निश्चित रूप से समाज को नशामुक्त बनाया जा सकता है। नशे को जड़ से खत्म करने के लिए हम सभी को प्रभावी कदम उठाने होंगे। इसी में हम सबकी भलाई है।
आपका
सेवाभावी शुभचिंतक डॉ.बिजेन्द सिन्हा
निपानी. पाटन .दुर्ग। Mo.8o74963971