कांग्रेस सरकार लाखो लोगो को रोजगार देने का दम्भ भर स्वयं थपथपा रही अपनी पीठ
भाजपा नेत्री एव सदस्य जिला पंचायत दुर्ग श्रीमती हर्षा लोकमनी चन्द्राकर ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि दुर्ग जिला सहित पूरे छतीसगढ़ में पिछले 4 अप्रेल से मनरेगा के अधिकारियों कर्मचारियों एव रोजगार सहायकों के हड़ताल में चले जाने से गांवो में रोजगार मूलक कार्य पूर्णतः बंद हो गए है जिससे ग्रामीण मजदूर बेरोजगार हो गए है, घर परिवार चलाने इस भीषण गर्मी में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ जाना पड़ रहा है।
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जिला पंचायत सदस्य श्रीमतीं चन्द्राकर ने राज्य सरकार पर नाकामी का आरोप लगाते हुवे कही कि केंद्र की भाजपा सरकार छग में लगातार मनरेगा के तहत कार्य कराने के किये करोड़ो रूपये की राशि की स्वीकृति प्रदान कर रही है। लेकिन राज्य सरकार इस पर अमल नही करा पा रही है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अधिकारी कर्मचारी राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुवे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है।
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इससे पूरे दुर्ग जिले समेत छत्तीसगढ़ के एक भी गॉव में मनरेगॉ का काम नही चल रहा है। जो काम शुरू हुआ था वह काम भी अब बन्द हो गया है। वर्तमान में खेती किसानी का काम समाप्त होने के बाद ग्रामीण मजदूर खाली हो जाते है। इसी समय सबसे ज्यादा रोजगार की अवसर की जरूरत मजदूरों को रहती है। लेकिन राज्य सरकार की हठधर्मिता के चलते ग्रामीण मजदूरों को रोजगार नही मिल रहा है।
श्रीमती चन्द्राकर ने कहा कि एक तरफ सरकार लाखो लोगो को रोजगार देने का दम्भ भर स्वयं अपनी पीठ थपथपा रही है तो दूसरी ओर गॉव में रोजगार के अवसर नही मिलने से अब मजदूर शहरों की तरफ मजदूरी की तलाश में जाने के लिए मजबूर हो रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील किया है कि मनरेगा के अधिकारी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करे जिससे कि हड़ताल समाप्त हो और गाँव गाँव मे मनरेगा का काम शुरू हो सके।