किरीट ठक्कर गरियाबन्द। जिले में बगैर परमिट के सवारी ढो रही मिनी बसों पर थाना सीटी कोतवाली द्वारा कार्यवाही की गई है। जबकि आरटीओ विभाग जानबूझकर अनजान बन रहा है। अब कार्यवाही होते देख आधा दर्जन गाड़ियां कम्पनी के यार्ड में खड़ी हो गई है।
विदित हो कि गरियाबन्द से राजीम,छुरा व महासमुंद के लिये रोजाना 20 से भी ज्यादा मिनी बसें सवारी ढो रही है। पर इनमें से ज्यादातर बसों का परमिट ,एक साल से दो साल पुराना हो चुका है , ताज्जुब की बात ये है कि ऑनलाइन परमिट सिस्टम की मानिटरिंग होती है , बावजुद इसके परिवहन विभाग ने बगैर परमिट दौड़ रही सवारी बसों को कभी रोकना जरूरी नही समझा।
शिकायत के आधार पर आज गरियाबन्द सिटी कोतवाली व यतायात विभाग ने दो बसों की रैंडम जांच की, तो दोनों के पास परमिट नही थे। एक बस राजीम जाने के लिए तो दूसरी महासमुंद के लिये सवारी भर रही थी। सवारी उतार कर यातायात विभाग द्वारा दोनों बसों को थाना केम्पस में खड़े करवाया गया है । कोतवाली प्रभारी राकेश मिश्रा ने कहा कि लाइसेंस व अन्य आवश्यक दस्तावेजों की जांच चल रही है। इस मामले में यातायात प्रभारी अजय सिंह को आशंका थी कि बसों के परमिट नही है,इसलिए दोनो को खड़े करवा दिया गया है। परमीट नही दिखाने पर आवश्यक कार्यवाही होगी।
आरटीओ अनजान , बोले दो तीन दिनों में शुरू करेंगे जांच
जिले की सड़कों पर 5 से भी ज्यादा कम्पनियों की मिनी बस चल रही है।रुट पर चलने वाली बसों के नम्बर पर आन लाइन पड़ताल किया गया तो 10 सवारी बसें ऐसी मिली जिनके परमिट 1 से 2 साल पहले ही एक्सपायर हो गये है। आरटीओ के पोर्टल में लेप्स हो चुके परमिट स्प्ष्ट दिखाई दे रहे है,पर आरटीओ अधिकारी मृत्यंजय पटेल ने कहा कि इसकी जानकारी नही है,शिकायत मिली हुई है,दो तीन दिनों में वाहनों को रोक कर जांच करेंगे।
कम्पीटिशन में जान का जोखिम
बसें सवारी भरने के चक्कर में जान जोखिम में डाल कर कम्पीटिशन करते देखे जा सकते है। बगैर परमिट के दौडने वाली बसों के फिटनेश व अन्य आवश्यक दस्तावेज भी सही नही है,ऐसे में कोई अनहोनी हुई तो यात्रियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है ।बताया जाता है कि आरटीओ विभाग की मिलीभगत से टैक्स की चोरी कर इस तरह का खेल लगातार जारी है।इसलिये दफ्तर में बैठे ऑनलाइन मानिटरिंग वाले तथ्यों को भी विभाग नकार रहा है।