जयंती के अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण कर एकात्म मानव दर्शन पर भाजपा ने की परिचर्चा
देश में पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को सपने को साकार करने वाला राजनीतिक युग जारी – जितेन्द्र वर्मा
दुर्ग। एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता भारतीय जन संघ के संस्थापक लेखक कवि पं. दीनदयाल उपाध्याय के 107 वें जन्मदिन के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में चित्र पर माल्यार्पण कर एकात्म मानव दर्शन विषय पर परिचर्चा के साथ उनके कृतित्व का स्मरण किया गया।
परिचर्चा में जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानवदर्शन नामक विचारधारा दी। वे एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। श्री वर्मा ने आगे कहा कि उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुनर्रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था। उन्हें जनसंघ की आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है। उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है, जिस राष्ट्र में मानव सुखी ना हो उसे राष्ट्र को आर्थिक रूप से विकसित नहीं माना जाना चाहिए। मनुष्य की परम संतुष्टि और सुख ही राष्ट्र की उन्नति का मुख्य मापदंड है, पंडित दीनदयाल ने मानव तन के साथ-साथ मां और आत्मा किस संतुष्टि को भी अहम माना। एकात्म मानवदर्शन में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के आधार पर मनुष्य जीवन और राष्ट्र के विकास की बात कही गई है। भारतीय परिवेश के आधार पर राष्ट्र के विकास के लिए एकात्म मानव दर्शन के महत्व को समझते हुए ही वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार काम कर रही है।
आयोजित कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष
दिलीप साहू, के.एस. चौहान, विनायक नातू, अल्का बाघमार, शिव चंद्राकर, दिव्या कलिहारी, जयश्री राजपूत, अजय तिवारी, मनोज अग्रवाल, शिवेंद्र परिहार, गोवर्धन जायसवाल, चुतुरभुज राठी, मदन वाढ़ई, विजय ताम्रकार, मनोज सोनी, नीलेश अग्रवाल, जितेंद्र राजपूत, महेन्द्र लोढ़ा, पप्पू त्रिपाठी, अमर भोई, मुकेश बेलचंदन, महेश सार्वा, प्रिया ठावरे, सीमा मिश्रा, संजय, राहुल देवांगन, डोमेश साहू सहित अनेको कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे।