धान खरीदी में देरी , होगा किसानों का नुक़सान

अब एक दिसंबर से धान खरीदी का फैसला किसानों को नही आ रहा है रास 

निर्मल पटेल की रिपोर्ट 
डाही / छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा इस साल देरी से धान खरीदी का फैसला लिया गया है वह किसान के हित में नहीं है । किसान दीवाली के बाद फसल काटना चालू कर चुके हैं । कटे हुए फसल को एक माह तक कहां रखे । किसान का धान पहले पंद्रह नवंबर को खरीद लिया जाता था । अब एक दिसंबर से धान खरीदी का फैसला किसानों को रास नही आ रहा है ।



उक्त बातें कहते हुए भाजपा नेता महेंद्र पटेल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार किसानों को ले शासन में आ तों गई है मगर किसानों के हित को ध्यान में नहीं रख रहे हैं और धान खरीदी को पंद्रह दिन आगे ले गए । इससे किसानों के धान ढुलाई व्यारा से घर और घर से सोसायटी लें जाने में अतिरिक्त खर्च व समय लगेगा । किसानों को एक माह का अतिरिक्त ब्याज भार आएगा ।



कोठार में धान रखवाली के लिए मजदूर लगाना पड़ेगा । पैसे नही होने से किसानों को मजदूरी भुगतान करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा । गांव गांव में इन दिनों विकास कार्य ठप्प हो गया है । पंचायतों में विकास के कोई काम नही आ रहे हैं । एक फसल में धान खरीदी की लचर व्यवस्था से किसानों के होश उड़ गए हैं ।

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