किरीट भाई ठक्कर गरियाबंद। वन विभाग द्वारा की गई अतिक्रमण की कार्यवाही के बाद ग्राम झिथरी डूमर निवासी भोजराम ध्रुव को विगत 28 अगस्त को जेल दाखिल किया गया था। दो दिन के बाद भोजराम के परिजनों को सूचना प्राप्त हुई कि भोजराम की तबियत खराब हो गई है , उसे रायपुर रिफर किया जा रहा है। इधर भोजराम के पिता चमरू राम का कहना है कि कार्यवाही के दिनांक से ही भोजराम की तबियत खराब थी, काफी अनुनय विनय के बाद भी किसी ने उनकी नही सुनी।
आज 4 सितम्बर इलाज के दरमियान भोजराम की मृत्यु हो गई। अब परिजनों तथा समाज के लोगों का आरोप है कि इस कार्यवाही के दौरान भोजराम के साथ वन कर्मियों व जेल कर्मियों द्वारा मारपीट की गई, जिससे उसकी मृत्यु हुई। भोजराम की मौत के बाद आदिवासी समाज उग्र हो गया और आज शाम से तिरंगा चौक पर चक्का जाम कर दिया गया। आदिवासी समाज द्वारा सम्बन्धित कर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है।
भोजराम की मौत के बाद अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले बड़ी संख्या में आदिवासियों ने वन विभाग पर , आदिवासियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मृतक के परिजनों को तत्काल एक करोड़ रु मुवावजा , परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी साथ ही अतिक्रमित जमीन का पट्टा देने की मांग के साथ साथ दोषी वन व जेल कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
कल भी जारी रहेगा प्रदर्शन
आदिवासी समाज देर रात तक अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है। जबकि प्रशानिक अमले की समझाईस का उन पर कोई असर नहीं हुआ है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के संरक्षक महेंद्र नेताम , जिला अध्यक्ष उमेंदी कोर्राम , जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा लोकेश्वरी नेताम द्वारा कल दिनांक 5 सितम्बर को भी प्रदर्शन जारी रहने की बात कही गई है।