छत्तीसगढ़ के गांधी पंडित सुंदरलाल शर्मा की जयंती मनाई गई

✍️ छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ जिला ब्यूरो चीफ सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद

छत्तीसगढ़ के गांधी पंडित सुंदरलाल शर्मा की जयंती मनाई गई

गरियाबंद:- शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजिम मे इतिहास विभाग व नैक के संयुक्त तत्वावधान में पंडित सुंदरलाल शर्मा की जयंती मनाई गई कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर की गई
नैक प्रभारी डॉ. गोवर्धन यदु ने बताया कि पंडित सुंदरलाल शर्मा का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में विशेष योगदान रहा है पंडित सुंदरलाल शर्मा जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे वे स्वतंत्रता सेनानी के साथ ही साथ कवि, समाज सुधारक, इतिहासकार भी थे पंडित जी ने हिंदी का छत्तीसगढ़ी में कुल मिलाकर 18 ग्रंथों की रचना की, जिसमें “छत्तीसगढ़ी दानलीला” प्रमुख कृति रही है इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा व संकल्पना कार भी कहा जाता है पंडित जी ने छ.ग. में दुलरवा पत्रिका और हिंदी में कृष्ण जन्मस्थान पत्रिका लिखा

इतिहास विभागाध्यक्ष आकाश बाघमारे ने बताया कि पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का जन्म राजिम के निकट चमसूर नामक ग्राम मे 21 दिसंबर,1881 मे हुआ था छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में व्याप्त रुढ़िवादिता,अंधविश्वास,अस्पृश्यता तथा कुरीतियों को दूर करने के लिए पंडित जी ने अथक प्रयास किया पंडित जी के हरिजनोद्धार कार्य की प्रशंसा महात्मा गांधी ने मुक्त कंठ से करते हुए, इस कार्य में इनको गुरु माना था 1920 में धमतरी के पास कंडेल नहर सत्याग्रह पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के नेतृत्व में सफल रहा। इनके प्रयासों से ही महात्मा गांधी 20 दिसम्बर 1920 को पहली बार रायपुर आए इन्होंने छत्तीसगढ़ मे हरिजन उत्थान हेतु पहले से ही कार्य आरंभ कर लिया था इसलिए इनको गांधी जी ने अपना गुरु माना था
बीए प्रथम वर्ष के छात्र भूपेंद्र ने बताया कि असहयोग आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ से जेल जाने वाले व्यक्तियों में पंडित जी प्रमुख थे। जेल मे ही उन्होंने श्री कृष्ण जन्म स्थान नामक पत्रिका लिखा था वे जीवन-पर्यन्त सादा जीवन, उच्च विचार के आदर्श का पालन करते रहे समाज सेवा में रत परिश्रम के कारण शरीर क्षीण हो गया और 28 दिसम्बर 1940 को पंडित जी का निधन हुआ छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में साहित्य के लिए पं. सुन्दरलाल शर्मा सम्मान स्थापित किया है उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

इस कार्यक्रम में प्रोफेसर एम एल वर्मा,डॉ.समीक्षा चंद्राकर,मुकेश कुर्रे,देवेंद्र देवांगन,मनीषा भोई,खोमन साहू,प्रदीप टंडन,शिल्पा मिश्रा,चंद्रकला जोशी,नेहा सेन,आलोक हीरवानी आदि प्राध्यापकगण तथा कमलेश,कुंदन,सोनिया,ईशा आदि विद्यार्थीगण उपस्थित रहे |

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