✍️छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ जिला संवाददाता विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद
गरियाबंद-सिक्ख धर्म के संस्थापक और मानवता के पुजारी गुरुनानक देव की 553 वी जयंती और छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक पर्व कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर ग्राम भैंसातरा में ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों के संयुक्त तत्वावधान में प्रथम बार भव्य महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथियों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के बहुमुखी प्रतिभा के धनी राष्ट्रपति पुरस्कृत प्रधानाध्यापक एवं साहित्यकार डाॅ मुन्ना लाल देवदास को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलीयंस अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया। नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे , उन्हें भारत देश द्वारा भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया था।
यह अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलीयंस अवार्ड भारत सरकार के नीति आयोग, डिजिटल इंडिया और इंटरनेशनल ह्यूमनिटी मिशन आर्गनाइजेशन द्वारा डाॅ देवदास को शिक्षा, साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में विगत 35 वर्षों की विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया है।
आपको बता दें कि यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान आर्गनाइजेशन द्वारा भारतीय डाक से भेजा गया था जिसे मंच पर ही संतोष कुमार साहू शिक्षक ने सबके बीच खोल कर अतिथियों के हाथों में दिया।
अतिथियों ने डाॅ देवदास को सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि आपको अंतर्राष्ट्रीय सम्मान देते हुए हम स्वयं सम्मानित हो रहे हैं , यह हमारे क्षेत्र और छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व की बात है। इस अवसर पर ग्राम पंचायत की ओर से सरपंच उमा इंदरमन साहू ने उनका श्रीफल एवं शाल से सम्मान किया । इसी मंच पर रात्रि में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ के कुलपति पद्मश्री ममता चन्द्राकार कृत चिन्हारी लोककला मंच की मनमोहक प्रस्तुति हुई।
इस गरिमामय समारोह के आमंत्रित अतिथि थे महासमुंद लोक सभा सांसद मान. चुन्नीलाल साहू जी,पूर्व सांसद मान. चन्दूलाल साहू जी, जिला पंचायत सदस्य चन्द्रशेखर साहू, सरपंच संघ अध्यक्ष होमन लाल साहू , जनपद सदस्य श्रीमती छबिला ओमप्रकाश साहू, पूर्व जनपद सदस्य महेश्वरी महेश साहू, गैंदलाल साहू,नेहरु साहू, मछुवा संघ के तुकाराम तारक आदि। इसी प्रकार आयोजन को सफल बनाने में पंचायत के सभी पंच ओमप्रकाश साहू, भुनू कंवर, युवराज श्रीवास, नेमीचंद साहू, हिच्छा साहू, दिनेश्वरी श्रीवास, हेमबाई, तिजिया, मालती साहू, केंवरा दीवान, खेमीन यादव, पूर्णिमा, प्रेमबाई, फूलेश्वरी साहू एवं समस्त ग्रामवासियों का भरपूर योगदान रहा।