महासमुंद : एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पशु चिकित्सा विभाग के दो कर्मचारी उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी को 39 हजार रुपय रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। पेंशन मामले में 97 हजार रुपय रिश्वत लेने की मांग की थी। जिसकी शिकायत सुरेखा ने एंटी करप्शन ब्यूरो से की थी। सुरेखा बाई रावत ने कहा कि 2 बार में 57 हजार रुपए दोनों कर्मचारी को दे चुकी थी। जिसके बावजूद भी क्लर्क उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी का लालच बढ़ता गया। उन्होंने उससे और नगद 40 हजार रुपय की मांग की थी।
आरोपी उमाशंकर गुप्ता सहायक ग्रेड- 1 और सविता त्रिपाठी सहायक ग्रेड- 2 कर्मचारी हैं। बार-बार रुपए मांगे जाने से तंग होकर सुरेखा बाई ने एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत की। जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से एंटी करप्शन ब्यूरो ने सुरेखा को केमिकल लगे 39 हजार रुपए दिए। रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी सुरेखा ने दोनों क्लर्क को एंटी करप्शन ब्यूरो से मिले 39 हजार रुपए को थमाया। और एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर की 15 सदस्यीय टीम ने DSP विक्रांत राही की अगुवाई में छापेमार कार्यवाही की और दोनों कर्मचारी को गिरफ्तार किया ।
एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर की टीम ने दोनों आरोपियों उमाशंकर गुप्ता और सविता त्रिपाठी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश कर दिया गया। सेवानिवृत्त चपरासी सुरेखा रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि वह शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र अंजोरा में पदस्थ थीं और 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुई हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उसका पेंशन और जीपीएफ का काम चल रहा था। इसे बनाने के लिए पशु चिकित्सा सेवाएं महासमुंद कार्यालय के सहायक ग्रेड- 1 उमाशंकर गुप्ता और सहायक ग्रेड- 2 सविता त्रिपाठी ने रिश्वत की डिमांड की थी।