रानीतराई : छत्तीसगढ़- सारंगढ बिलाईगढ़ : जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के “नामदान केंद्र सारंगढ़” में रविवार, 02 जून 2024 को एक दिवसीय सत्संग समागम का भव्य आयोजन किया गया। इस सत्संग में सनातन धर्म को सार्थक करते हुऐ बताया गया कि वर्तमान समय में भक्तिमार्ग को किस प्रकार से अज्ञानी धर्मगुरुओं व कथा कथित धर्म के ठेकेदारों ने उलझा रखा है, तथा धर्म को केवल धंधा का माध्यम बना रखा है।
जिससे साधक को वे लाभ नहीं मिल रहे जो भक्ति करने से मिलने चाहिए। संत रामपाल जी महाराज जी ने हिंदू धर्म की पवित्र शास्त्र गीता जी अ.16 श्लोक 23 से यह प्रमाणित किया कि जो साधक “शास्त्र विधि” को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमानी साधना करता है उन को ना तो सुख, सिद्धि और न ही परम गति (मोक्ष) की प्राप्ति होती है। संत रामपाल जी ने बताया कि हमे शास्त्रानुसार भक्ति करनी चाहिए जिससे मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य सतभक्ति करके (मोक्ष) प्राप्त करना।