थर्ड डिविजन 10वीं पास अवनीश शरण बने IAS, नहीं हारी हिम्मत..पढ़े पूरी खबर

अवनीश शरण छत्तीसगढ़ कैडर के IAS हैं, अवनीश के पिता और दादा दोनों मास्टर रहे हैं अवनीश का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. बचपन में आर्थिक परेशानियों के साथ-साथ सुविधाओं के अभाव का भी लिया अनुभव है. 

संतोष देवगन/रायपुर : डिग्रियां आपकी पढ़ाई का प्रमाण तो जरूर हैं लेकिन आपकी प्रतिभा का अंतिम सर्टिफिकेट नहीं. यह बात साल 2002 में UPSC एग्जाम में ऑल इंडिया 10वीं रैंक हासिल करने वाले IAS अवनीश शरण ने कही है. अवनीश शरण ने अपनी 10वीं कक्षा की मार्कशीट ट्विटर पर शेयर की है. इस परीक्षा में अवनीश ने महज 314/700 अंकों के साथ थर्ड डिवीज़न में पास की थी. अब IAS अवनीश शरण की यह मार्कशीट दूसरे लोगों को भी सिविल सेवा परीक्षा में मोटीवेशन दे रही है।  शेष 👇 नीचे पढ़ेमार्कशीट देखकर मुझे प्रेरणा मिली : –    एक यूजर ने अवनीश के इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि मेरे 10वीं की परीक्षा में इतने ही अंक आए थे. आपकी यह मार्कशीट देखकर मुझे प्रेरणा मिली है और मैं फिर से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करने जा रहा हूं. अवनीश शरण की यह मार्कशीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. कई सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि किसी एक परीक्षा से आपकी प्रतिभा तय नहीं होती. हमें सफलता के लिए लगातार मेहनत करने की जरूरत होती है।    शेष 👇 नीचे पढ़े

लगातार मेहनत से हासिल किया मुकाम : –    बता दें कि IAS अवनीश शरण ने अपनी 10वीं कक्षा के बाद मेहनत जारी रखी और लगातार बेहतर करने का प्रयास किया. 10वीं थर्ड डिविजन पास करने के बाद अवनीश ने 12वीं की परीक्षा में 65 % अंक हासिल किए. इसके बाद स्नातक में 60.7 % नंबर प्राप्त किए और पूरे लगन-मेहनत के साथ UPSC परीक्षा की तैयारी में जुट गए।    शेष 👇 नीचे पढ़े

साल 2002 की परीक्षा में अवनीश ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया 10वीं रैंक हासिल की. कभी थर्ड डिविजन के साथ 10वीं पास करने वाला लड़का आज कलेक्टर जैसे बड़े पद की जिम्मेदारी संभाल रहा है. अवनीश ने अपनी मार्कशीट शेयर कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि मेहनत और लगन से अपनी प्रतिभा को निखारा जा सकता है और असाधारण काम किए जा सकते हैं।    शेष 👇 नीचे पढ़े

अवनीश शरण अपने परिवार के साथ

अवनीश का जीवन रहा संघर्षों से भरा : –   IAS अवनीश शरण मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. बिहार के समस्तीपुर जिले के केवटा गांव के रहने वाले अवनीश छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस हैं. अवनीश के पिता और दादा दोनों मास्टर रहे हैं. अवनीश का जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है. बचपन में आर्थिक परेशानियों के साथ-साथ सुविधाओं के अभाव का अनुभव लिया है. एक साक्षात्कार के दौरान अवनीश ने बताया था कि बचपन में वह अपने गांव में लालटेन में पढ़ाई किया करते थे. अब अवनीश की यह यात्रा सैकड़ों लोगों को प्रेरित कर रही है।

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