हाथीयों का आतंक, जान माल और फसल का नुकसान

गरियाबंद : जिले के जंगली इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है , इधर धान की फसल पकने को है और उधर जिले में हाथियों की आवा – जाही लगातार जारी है। आलम ये है कि मंगलवार 18 अक्टूबर की भोर के वक्त दो दंतैल हाथी जिला मुख्यालय के नजदीक कोविड हॉस्पिटल के आस पास देखे गये। ये हाथी शाम तक जोबा भैंसामुड़ा से होते हुये नवागढ़ रेंज पहुंच गये। इन हाथियों ने दूसरे दिन नवागढ़ चौकी से लगभग 12 किलोमीटर दूर कसाबाय के एक किसान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।

तीन वर्षों से लागतार आवाजाही

कुछ वर्षों पूर्व गरियाबंद जिले में हाथियों की आवा – जाही ना के बराबर थी। किन्तु पिछले तीन वर्षों से दखल बढ़ता जा रहा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जंगली हाथी किसानों की फसल एवं घरों को उजाड़ कर तोड़ फोड़ मचा रहे हैं। हाथी मानव द्वन्द से इंसानों की मौत भी हो रही है। हाथियों की वजह से यहाँ के किसान चिंतित हैं। जंगली हाथियों से फसल तथा घरों की सुरक्षा कर पाना किसानों के बस का नही है।

हाथियों की वजह से फसल नुकसान की भरपाई भी मुश्किल है, लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर जो मुआवजा मिलता भी है, वह ना के बराबर है। हालिया विचरण कर रहे हाथियों ने बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र के ग्राम कसाबाय के ग्रामीण किसान साधुराम नेताम के खेत में खड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।

"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्ट
"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्टhttps://chhattisgarh-24-news.com
किरीट ठक्कर "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" संवाददाता

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