मस्जिदों में जारी जिक्रे शोह-दाए-कर्बला – सैय्यद

राजनांदगांव : शनिचर की शाम से नये इस्लामी साल यानी 1444 हिजरी का आगाज हो गया है। मोती मस्जिद तुलसीपुर में माहे मुहर्रम की पहली तारीख को पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों द्वारा दी गई अजीम कुर्बानी की याद ताजा कर दो रोजा तकरीर बयान की गयी।

हाजी रज्जाक बड़गुजर साहब जेरे सदारत, सैय्यद अली अहमद गुड्डू सदर जेरे निगरानी, पर मौलाना खतीबुल हिन्द हजरत अल्लामा मौलाना तनवीरूल साहब किब्ला फिरोजबाद (यूपी) ने पैगंबर मोहम्मद साहब की सीरत के मुतालिक बयान कर पैगंबर साहब के पैदाइश से लेकर उनके पूरे जीवन काल पर रोशनी डाली मौलाना साहब ने आज के दौरे हालत पर खुलासा किया।

माअशरे में जो बुराइयां है इसे कैसे सुधार हो सकता है, इस पर भी अपनी राय आवाम को देकर आज के दौर पर मोबाइल से होने वाले नुकसान और फायदे के बारे में भी बयान किया। मुनादी-ए-खैर सैय्यद अफजल अली ने कहा शहीदे करबला इमामे आली मकाम हजरत इमामे हुसैन रजि.अ. की याद में हन्फी मस्जिद गोलबाजार में एक अगस्त रात दस बजे से 8 रोजा मजलिस का इनेकाद किया जा रहा है।

तमाम मुहिब्बाने आले रसूल से इल्तेमास है के मजलिसे हुसैन में शिरकत फरमा कर बारगाहे पंजतने पाक स.अ. में अपनी अकीदतों का नजराना पेश करें और यादे हुसैन को ताजा करें। ताके कल रोजे कयामत गुलामाने आले रसूल में हमारा भी शुमार हो और दो जहां की सआदत नसीब हो।

“छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” के लिए राजनांदगांव से दीपक साहू

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