भारतीय संस्कृति : होली के बाद पंचमी के दिन रंग खेलने की परंपरा है। और यह रंग सामान्य रूप से सूखा गुलाल होता है। और इस दिन विशेष भोजन बनाया जाता है। इसमें पूरनपोली बेहद जरुर होता है। जब रंगों को इस दिन जब एक दूसरे को लगाया जाता है और गुलाल को हवा में उड़ाया जाता है तो इस दिन देवी-देवता आकर्षित होते है। और ऐसी मान्यता है कि – रंग पंचमी के दिन रंग के संग खेली जाने वाली रंग पंचमी बुरी शक्तियों की समाप्ति का प्रतीक है।
पूजा की विधि – घर की पूर्व दिशा में लाल वस्त्र पर शिव परिवार का चित्र स्थापित कर पंचोपचार पूजा करें। चमेली के तेल का दीपक करें, गुग्गुल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर और लाल चंदन चढ़ाएं, अबीर, गुलाल चढ़ाएं, गुड़ से बनी रेवड़ियों का भोग लगाएं और एक माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। और पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में वितरित जरूर करें।