कोरिया बुधवार को जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ और एमसीबी कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. शहर के प्रेमाबाग परिसर में सभी कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए. यह धरना राज्यभर में सहकारी समितियों के कर्मचारियों के वेतनमान और सुविधाओं में सुधार की मांगों को लेकर किया गया।
मांग पूरी नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी : सहकारी समिति संघ के धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे. अगर समय रहते सरकार ने समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है. सहकारी समिति संघ के अध्यक्ष अजय साहू ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो 4 नवंबर को प्रदेश स्तर पर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.
तीन प्रमुख मांगों पर अड़े सहकारी समिति कर्मचारी
यह मुद्दा समितियों के अस्तित्व और कर्मचारियों के भविष्य से जुड़ा है. इसलिए सरकार को जल्द ही ठोस कदम उठाने चाहिए. : रवि कुमार साहू, समिति प्रबंधक। जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ और एमसीबी कर्मचारियों की प्रमुख मांग :
छत्तीसगढ़ सरकार भी मध्यप्रदेश की तर्ज पर 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों को वेतनमान और अन्य सुविधाएं प्रदान करे। 2018 के सेवा नियमों में आंशिक संशोधन कर पुनरीक्षित वेतन लागू किया जाए, ताकि कर्मचारियों को उचित आर्थिक लाभ मिले। धान उठाव में देरी के कारण जो धान सूखकर खराब हो रही है, उसकी कीमत समितियों से वसूली न जाए. संघ का कहना है कि इस वसूली से समितियों को भारी नुकसान हो रहा है, जो सहकारी व्यवस्था को कमजोर कर रहा है.