ओडिशा की नाबालिग लड़की के दैहिक शोषण मामले में देवभोग पुलिस की भूमिका संदिग्ध, नही लिखी गई एफआईआर
गरियाबंद। तहसील जयपटना जिला कालाहांडी ओडिशा का एक परिवार अपनी बेटी के साथ हुई नाइंसाफी को लेकर ईन दिनों छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों के दर न्याय पाने की उम्मीद में भटक रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवभोग के रहने वाले एक युवक ने ओडिशा के गांव खलियाभाटा निवासी एक नाबालिग युवती से पहले प्रेम संबंध स्थापित किया, चूंकि दोनों के परिवार सजातीय और संभवतः आपसी रिश्तेदारी में है, इस बात का फायदा उठाकर अक्टूबर 2021 में उक्त युवक नाबालिग को नवरात्र दशहरा पर्व के बहाने देवभोग अपने घर ले आया। देवभोग लड़के के घर में 15 दिनों तक रहने के दौरान युवक ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। आवेदिका युवती के अनुसार युवक ने अंतरंग पलों का वीडियो भी बना लिया और कुछ माह बाद सोशल मीडिया में वायरल भी कर दिया।
जनवरी 2024 में युवती के पिता द्वारा देवभोग थाने में पेश की गई शिकायती तहरीर पर युवक रूपेश सिन्हा को थाने लाया गया था, जहां बाद में रूपेश सिन्हा के पिता पूरण लाल और अन्य सामाजिक लोग भी पहुंचे, आपसी चर्चा और समझाईस पर एक लिखित ईकरारनामा तैय्यार किया गया जिसके अनुसार युवती के बालिग होने पर 6 माह बाद दोनों की शादी करा दी जायेगी, ये तय किया गया था।
उक्त लिखित अवधि बीतने के बाद शादी से इंकार कर दिया गया। इंकार से क्षुब्ध युवती के पिता जुलाई माह की 28 तारीख जब आवेदन लेकर देवभोग थाने पहुंचे तो ओडिशा निवासी होने का हवाला देकर आवेदन लेने से और किसी भी तरह की कार्यवाही से इंकार कर दिया गया।
30 जुलाई 2024 जब युवती स्वयं आवेदन लेकर देवभोग थाने पहुंची तब उसे घंटो थाने में ही बिठाये रखकर मानसिक रूप प्रताड़ित किया गया, महिला पुलिस से पिटवाने और माँ बाप को जेल भेजने की धमकी दी गई। अंततः उक्त परिवार द्वारा रायपुर महिला आयोग सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों साथ ही जिला गरियाबंद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी शिकायत रखी गई है।