विश्व पर्यावरण दिवस पर मिट्टी के मरूस्थलीयकरण, व सूखे से निपटने हुए आयोजन

रायपुर : विश्व में प्रति 5 सेकंड में एक फुटबाल पिच के बराबर भूमि की मिट्टी प्लास्टिक, माइक्रोप्लान स्टिक, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषित हवा, अनियंत्रित शहरीकरण और फैलाव, खेती के लिए किसानों के अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, भूमि उपयोग में बदलाव इत्यादि कारणों से नष्ट हो रही है । उक्त उद्गार डॉ. सीमा अग्रवाल सहायक प्राध्यापक, शासकीय शिक्षक ‘शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर’ में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर प्राचार्य पुष्पा किस्पोट्टा के संरक्षण व बाघ इ.को. क्लब प्रभारी डॉ. अनुपमा अम्बष्ट के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर अतिथि व्यक्त कर रही थी।

वही शिक्षक संतोष वर्मा ने बताया कि, “जलवायु परिवर्तन,व शहरीकरण और औद्योगीकरण ही सूखे को बढ़ा रहें हैं। स्वस्थ मिट्टी में कार्बन भारी मात्रा में जमा रहती है,जिसे अगर छोड़ा जाये तो तापमान में वृद्धि होगी,भूमि को सूखे से निपटने योग्य बनाना,भूमि को मरूस्थलीयकरण बनने से बचाना होगा। एम एड प्रशिक्षार्थी स्मृति दुबे ने बताया कि, “एसी ना लगाओ, पेड़ लगाओ-पेड़ लगाओ” नारों से पेड़ की अंधाधुंध कटाई ना करने का आह्वान की, जिस हेतु पेड़ों से चिपककर “पहले हमें काटों फिर पेड़ों को काटना” नारों से “चिपको आंदोलन”* की याद दिलाई,यह महिलाओं का विश्व प्रसिद्ध आंदोलन था, जिसकी वजह से हजारों पेड़ कटने से बच गये थे।

“एमएड प्रशिक्षार्थी सीमा शर्मा इस वर्ष की थीम–*”हमारी भूमि, हमारा भविष्य”

“भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीयकरण,और सूखे से निपटने की क्षमता है” : इस तरह हमें मिट्टी के क्षरण,सूखेपन,व मरूस्थलीयकरण को अधिक से अधिक पेड़ लगाकर रोकना है। वही बी एड छात्राध्यापक हेमधर साहू ने, पर्यावरण संरक्षण के गीत से पेड़ों की कटाई ना कर , प्राणीमात्र के हित में, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर,उनकी उचित देखभाल करने का निवेदन किया। उक्त कार्यक्रम में स्मृति दुबे,सीमा शर्मा,सुजाता पांडेय, रेखा साहू, अनीता ठाकुर ,चंद्रकली भारती, कीर्ति साहू, गोपीलाल बघेल, तामेश्वर जांगड़े,सियाराम साहू,आनंद पांडेय ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की।

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