BJP पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव, भारी भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का लगाया आरोप

डोंगरगढ़ : नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के 14 पार्षदो ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी पूरी कर ली हैं। बीते दिनों मूढ़ीपार की सभा में सीएम विष्णुदेव साय के सामने डोंगरगढ़ के दो निर्दलीय पार्षदों ने भाजपा का दामन थामा था, तब से ही डोंगरगढ़ की शहर सरकार पर ख़तरा मंडरा रहा था।

जानकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के पार्षद दल ने नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम पर कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा चुके है, इसी दौरान अब अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। आपको बता दें कि 24 वार्डों वाली नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में वर्तमान समय पर भाजपा के पास कुल 14 पार्षद है, वहीं कांग्रेस पार्टी के पास 10 में से 1 पार्षद के मृत्यु के बाद 9 पार्षद ही बचे है। ऐसे में प्राथमिक रुप से भाजपा डोंगरगढ़ में शहर सरकार बनाने में सक्षम हैं। और अब देखने वाली बात यह है की इसी साल के आखरी माह में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, ऐसी परिस्थिती में क्या प्रशासन इस पद को खुद संभालेगी या फिर चुनाव करवाकर अध्यक्ष की कमान भारतीय जनता पार्टी को देगी।

भाजपा पार्षद दल ने कलेक्टर को लिखा पत्र

भाजपा पार्षद दल (BJP Councilor) के द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम के विरूद्ध नगरपालिका अधिनियम की धारा 43 (क) के अन्तर्गत अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्टर राजनादगांव को पत्र लिखा है। जिस पर कार्यवाही करते हुए कलेक्टर ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव हेतु पार्षदों के हस्ताक्षर सत्यापन कर भेजने के लिए आदेशित किया है। अब ऐसे में अब डोंगरगढ़ की कांग्रेस सरकार जाती हुई दिखाई दे रही है।

भाजपा पार्षद दल ने अपने अविश्वास प्रस्ताव के पत्र में 6 बिंदुओं में वर्तमान अध्यक्ष पर कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बीजेपी पार्षद दल का कहना है कि नगरपालिका अध्यक्ष पक्षपात पूर्ण कार्य करते है। इस मामले में भाजपा मण्डल अध्यक्ष अमित जैन ने मीडिया से कहा – ‘नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम अपना बहुमत नगर पालिका में खो चुके हैं। आज 24 सीटों में 14 सीट भाजापा के पास हैं इस कायदे से नगर पालिका परिषद में बीजेपी का अध्यक्ष होना चाहिए, रही बात सुदेश मेश्राम की तो उनके साढ़े चार साल के कार्यकाल में केवल भ्रष्टाचार हुआ है। अध्यक्ष की नैतिकता बनती हैं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे।”

इस मामले पर नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम ने क्या कहा?

इस मामले को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम ने कहा कि, मैने शहर में चहूंमुखी विकास किया है यह डोंगरगढ़ की जनता जानती है। उन्होंने बताया कि, दो निर्दलीय पार्षद उमा महेश वर्मा और अल्का सहारे ने भाजपा का दामन थामा हैं, वो खुद अपने वार्डों को देखें सबसे ज्यादा काम इनके वार्डों में ही हुआ है। मैने अपने कार्यकाल में स्टेडियम, रोड, नाली इत्यादि का काम शहर में किया है ये डोंगरगढ़ की जनता जानती है की मैं भ्रष्टाचारी हूं की नहीं ?

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