पाठशाला : इस दुनिया में जहाँ रिश्ते अक्सर क्षणभंगुर होते हैं। महाराष्ट्र (मुंबई) के शुभम शुक्ला और असम की ऋचा कलिता की असाधारण प्रेम कहानी एक प्रभावशाली अनुस्मारक के रूप में खड़ी है कि सत्य प्रेम की कोई सीमा नहीं होती।
मुंबई के एक स्ट्रीट सिंगर शुभम और एक प्रतिभाशाली दिव्यांग छात्रा ऋचा की मुलाकात सिंगिंग ऐप स्टार मेकर (Star maker) के ज़रिए हुई। डिजिटल कनेक्शन (Digital Connection) के जरिये शुरू हुआ यह रिश्ता जल्द ही एक गहरेभावनात्मक रूप में बदल गया।
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जन्म से ही चलने में असमर्थ ऋचा कलिता ने एक तरफ अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए अपने समाज में एक अलग पहचान बनाई और दूसरी ओर शुभम ने मुंबई की सड़कों पर गाकर अपनी बीमार माँ का भरण-पोषण किया और दिन-प्रतिदिन 700 से 800 रुपये कमाए। अपनी अलग-अलग पृष्ठभूमि के बावजूद भी, समय के साथ उनका रिश्ता और भी गहरा होता गया। जब शुभम की माँ गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं थी, तब उनकी आखिरी इच्छा अपने बेटे की शादी देखना थी। अपनी माँ की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए शुभम असम गया और एक पारंपरिक मंदिर में ऋचा से शादी कर ली। शादी के 1 महीने बाद ही उसकी माँ का स्वर्गवास हो गया।
इनकी कहानी रोमांस की कहानी से कहीं बढ़कर है, यह त्याग, लचीलापन और अटूट प्रेंम की कहानी है, जो एक ऐसी दुनिया में है जहां प्यार अक्सर दबाव में डगमगा जाता है, शुभम और ऋचा की यात्रा यह बताती है कि सच्चा प्यार न केवल मौजूद है – बल्कि यह सभी बाधाओं के बावजूद भी हमेशा साथ रहता है।
