ग्यारह के विरुद्ध नामजद अपराध पंजीबद्ध, अब तक 07 आरोपीयों की गिरफ्तारी के बाद आज एक अन्य गिरफ्तार
किरीट भाई ठक्कर, गरियाबंद। वर्ष 2016 – 17 से लेकर 2019 -20 तक जिले के दो विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से सुनियोजित तरीके से फर्जी देयक तैय्यार कर कूटरचना कर राज्य के लोक लेखा से शासकीय राशि 3 करोड़ 13 लाख 43 हजार 971 रु का अवैध आहरण कर लिया गया,चार साल तक ये फर्जी आहरण का गोरखधंधा चलता रहा, चार साल बाद इस मामले में मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ गजेंद्र सिंह ध्रुव की रिपोर्ट पर मैनपुर पुलिस थाने में तत्कालीन मैनपुर सीएचसी चिकित्सा अधिकारी सहित जिला कोषालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर के अधिकारियों कर्मचारियों पर अपराध क्र. 54 / 2024 धारा 420,467,468,471,409, 120 बी भा.द.वि. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
ग्यारह के विरुद्ध नामजद अपराध पंजीबद्ध, अब तक 07 आरोपीयों की गिरफ्तारी के बाद आज एक अन्य गिरफ्तार
पुलिस की जांच में प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना पाये जाने के बाद इस मामले में 11लोगों के विरुद्ध नामजद अपराध पंजीबद्ध किया गया।अब तक हुई 7 गिरफ्तारीयों के बाद आज इस प्रकरण के एक अन्य आरोपी लुकेश चतुर्वेदनी पिता चैतूराम उम्र 35 वर्ष साकिन ग्राम गिरोला थाना अभनपुर जिला रायपुर , हालिया मुकाम सहायक ग्रेड 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन जिला दुर्ग के विरुद्ध पर्याप्त सबूत पाये जाने से विधिवत गिरफ्तार किया गया है। अब तक इस प्रकरण में 08 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष फरार आरोपियान की पता तलाश की जा रही है।
आपको बता दें कि तत्समय किसी आपराधिक गैंग की तरह जिला कोषालय और मैनपुर स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा बी. टी.आर तथा बैरर चेक के माध्यम से फर्जी देयक तैय्यार कर हस्तलिखित मुद्रा का कूटरचना कर शासकीय राशि का अवैध आहरण कर लिया था।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित
मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुये गरियाबंद पुलिस कप्तान उप महानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम काम्बले के निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र चंद्राकर के मार्गदर्शन में फरार आरोपियों की पतासाजी के लिए एसआइटी टीम गठित की गई थी। एसआईटी टीम प्रभारी एसडीओपी गरियाबंद सुश्री निशा सिन्हा व एसडीओपी मैनपुर बाजीलाल सिंह साथ ही मैनपुर थाना प्रभारी निरीक्षक शिवशंकर हुर्रा के साथ आरोपियों की पता साजी हेतु टीम को सक्रिय किया गया था।