✍️”छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” ब्यूरो रिपोर्ट सैयद बरकत अली गरियाबंद
अमलीपदर थाने में पूर्व में पदस्थ थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम ने थाने के दो जवान रिज़वान कुरैशी और नकुल सोरी के साथ मिलकर अमलीपदर में चीरघर बनाने की योजना बनाई थी एक समय ऐसा था जब पुलिस का नाम सुनते ही लोगों के मन में दहशत और डर का भय बन जाता था।
अब वहीं पुलिस ने कुछ सालों में आमजनों के बीच पहुँचकर जिस तरह मित्रतापूर्ण सम्बंध स्थापित कर लोगों की समस्याओं को सुलझाया है। जिसके बाद पुलिस के प्रति ग्रामीणों का विश्वास भी बढ़ा है। इसी के साथ ही ग्रामीण और पुलिस के बीच गहरे सम्बंध भी स्थापित हुए है। इसी का नतीजा है कि अमलीपदर के एक आरक्षक की सोच को ग्रामीणों के साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कंधा से कंधा मिलाकर क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या का हल करते हुए अमलीपदर में चीरघर का निर्माण करवा दिया।
एक समय ऐसा था कि शव का पीएम (पोस्ट मार्टम) के लिए अमलीपदर के 32 गॉवों के लोगों को लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय कर देवभोग और मैनपुर पहुँचना पड़ता था। उस दौरान ग्रामीणों को परेशानी भी बहुत होती थी और आने-जाने में उन्हें बहुत ज्यादा खर्च का वहन भी करना पड़ता था। ऐसे में अमलीपदर में चीरघर बनने से ग्रामीणों की परेशानी भी बहुत ज्यादा कम हुई। अब उन्हें पीएम करवाने के लिए भी लम्बी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और उनके खर्च पर भी विराम लगेगा।
वहीं आरक्षक रिज़वान कुरैशी के इस कार्य को लेकर आमजन भी उनकी बहुत ज्यादा तारीफ कर रहे है। ग्रामीणों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में जिस तरह पुलिस ने मित्रतापूर्ण सम्बंध बनाकर समस्याओं के समाधान के लिए कदम से कदम मिलाया हैं, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है पूर्व थानेदार के सोच को आरक्षक ने किया पूरा-: अमलीपदर थाने में पूर्व में पदस्थ थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम ने थाने के दो जवान रिज़वान कुरैशी और नकुल सोरी के साथ मिलकर अमलीपदर में चीरघर बनाने की योजना बनाई थी।
आमजनों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा चल ही रही थी कि थाना प्रभारी का तबादला हो गया। इस दौरान उनके सोच को पूरा करने का निर्णय लिया आरक्षक रिज़वान ने क्षेत्र के सभी 19 सरपंचों के साथ ही ग्रामीणों से चर्चा की। उन्हें बताया कि पीएम के लिए कितनी परेशानी होती है। इस दौरान आरक्षक के इस सोच को सभी ने स्वीकारा।
जनमानस और जनप्रतिनिधियों ने खुलकर सहयोग प्रदान किया। आज इसी के बदौलत अमलिपदर में चीरघर बनकर भी तैयार हो गया है। अब क्षेत्र के 32 गॉवों के लोगों को पीएम के लिए लंबा दूरी तय भी नहीं करना पड़ता। इसी के साथ ही समय में पीएम भी हो जाता है। यहां बताना लाजमी होगा कि आरक्षक रिज़वान ड्यूटी के बाद चीरघर निर्माण के कामों को देखने के लिए भी पहुँचते थे। इसी के साथ ही किसी चीज़ की कमी होने पर उसका व्यवस्था भी खुद करवाते थे।
गौरतलब है कि आरक्षक रिज़वान के साथ आरक्षक नकुल सोरी,नागेंद्र वर्मा,हेमन्त आवड़े के साथ ही थाने के पूरे स्टाफ का भी चीरघर निर्माण में विशेष सहयोग रहा है।आयोजन से जनता और पुलिस के बीच की दूरी हुई कम-: क्षेत्र में पिछले दिनों अमलीपदर थाना की और से क्रिकेट का आयोजन किया गया था। आयोजन में भी रिज़वान की महत्वपूर्ण भूमिका थी। रिज़वान ने मैच शुरू होने से लेकर समापन तक हर गतिविधि पर नज़र बनाकर रखा।
आयोजन के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच भी प्रगाड़ सम्बंध बनता नज़र आया। वहीं आयोजन कि भी ग्रामीणों ने जमकर तारीफ किया था। ग्रामीणों ने भी माना था कि इस तरह के आयोजन से पुलिस से उनका जुड़ाव बढेगा। यहां बताना लाजमी होगा कि क्षेत्र के सभी 19 सरपंच पुलिस के हर कार्यक्रम में बढ़चढ़कर हिस्सा भी लेते है,और उस कार्यक्रम को सफल भी बनाते हैं। इसी के साथ ही क्रिकेट के आयोजन में भी ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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