नुआपाड़ा में CRPF के तीन जवान शहीद, सुबह पत्नी से हुई बात, शाम को आया शहीद होने का खबर

नुआपाड़ा / ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में नक्सली हमले में सीआरपीएफ CRPF के तीन जवान शहीद हो गए. इनमें से एक जवान रोहतास जिले के दनवार स्थित सरैया के धर्मेंद्र कुमार भी थे. धर्मेन्द्र के शहीद होने की खबर सुनकर परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद धमेंद्र का एक 12 साल का बेटा रोशन 8वीं क्लास में पढ़ता है. दस साल की बेटी खुशी की आंखों में आंसू थम नहीं रहे है।

ओडिशा के नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुआ धर्मेंद्र कुमार :-  धर्मेंद्र कुमार सिंह के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके गांव दनवार के सरैया में उनके जानने और चाहने वाले लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई है. जवान के एक छोटा भाई के अलावा उनके किसान पिता और माता रो-रोकर बेहाल हैं. रामायण सिंह के बड़े पुत्र धर्मेंद्र कुमार सिंह वर्ष 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. उनकी पहली पोस्टिंग 2011 में मोकामा में सीआरपीएफ में हुई थी।

तीनों जवान रोड ओपनिंग पार्टी का हिस्सा था :-  बता दें कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवान मंगलवार को नुआपाड़ा जिले के पटधारा में एक सुदूर जंगली इलाके में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए. शहीद हुए जवानों में दो सहायक उप निरीक्षक शिशुपाल सिंह, शिवपाल और आरक्षक धर्मेद्र कुमार सिंह शामिल हैं. इनमें शिशुपाल सिंह उत्तर प्रदेश के थे, शिवलाल हरियाणा के थे और कांस्टेबल सिंह बिहार के रोहतास जिले के निवासी थे।

नक्सलियों ने जवानों पर हमले के लिए ग्रेनेड लांचर का किया उपयोग :-  पुलिस के मुताबिक, सीआरपीएफ के तीन जवान रोड ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे और एक कैंप से दूसरे कैंप में जा रहे थे. अधिकारियों ने शुरुआती जानकारी के आधार पर बताया कि नक्सलियों ने उस समय सीआरपीएफ कर्मियों को निशाना बनाया, जब वे सड़क खोलने के कार्य में जुटे हुए थे. उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमले के लिए ग्रेनेड लांचर का उपयोग किया।

प्रत्येक शहीद परिवार को 20 लाख देगी ओडिशा सरकार ;- घटना के बाद नुआपाड़ा के एसपी और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है. स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और सीआरपीएफ की और टीमों को ऑपरेशन में लगाया गया है. पुलिस ने कहा कि जब तक उग्रवादियों का सफाया नहीं हो जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा. इस बीच, ओडिशा सरकार ने प्रत्येक शहीद परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

शहीद धर्मेंद्र कुमार सिंह के पिता : ने बताया की शाम लगभग 4 बजे गांव के एक लड़के ने आकर बताया कि धर्मेंद्र शहीद हो गया है. घर का फोन नहीं लगा तो धर्मेंद्र के दोस्त के यहां फोन आया था. दस दिन से बात नहीं हुई थी. क्या करें मेरा बेटा अब देश के लिए शहीद हो गया नाम कर गया। 

धर्मेंद्र ने सुबह पत्नी से कहा- ‘ड्यूटी’ से लौटकर करूंगा बात : शहीद जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह की पत्नी ने कहा कि मंगलवार सुबह ही उनसे 9 बजे के करीब बात हुई थी. उन्होंने कहा था कि ”ड्यूटी पर जा रहा हूं. लौटकर बात करूंगा. उसके बात शाम करीब चार बजे फोन की घंटी बजी. उधर से आवाज आई कि धर्मेन्द्र कुमार सिंह शहीद हो गए है।

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