बलात्कार के आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास, अर्थदंड से भी किया दंडित

गरियाबंद। न्यायालय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पाक्सो एवं बलात्कार मामले) गरियाबंद पीठासीन न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा 05 दिसंबर मंगलवार को बलात्कार के आरोपी गणेश राम साहू, पिता राधेश्याम साहू, उम्र 23 वर्ष साकिन भेण्ड्री, थाना मगरलोड़, जिला धमतरी को धारा 376 (2) (ढ) भा०दं० संहिता के अपराध में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

जनक राम साहू, अतिरिक्त लोक अभियोजक, जिला गरियाबंद ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता की मॉ ने दिनांक 03.05.2022 को पुलिस थाना राजिम में रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उनकी पुत्री/पीड़िता, उम्र 17 वर्ष जो दिनांक 02.05.2022 को परीक्षा फार्म भरने राजिम जा
रही हॅू कहकर घर से निकली थी जो घर वापस नहीं आयी तब पीड़िता की माँ ने अपने भाई और दामाद को घटना के संबंध में बतायी पता तलाश करने पर ज्ञात हुआ कि आरोपी उनकी पुत्री / पीड़िता को भगाकर अपहरण कर ले गया है। पीड़िता की माँ की उक्त सूचना पर पुलिस थाना राजिम द्वारा अपराध क्रमांक 158/2022 अन्तर्गत धारा 363 भा०दं०संहिता दर्ज कर विवेचना में लिया जाकर पीड़िता को दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा तैयार कर आरोपी को
गिरफ्तार कर प्रकरण की संपूर्ण विवेचना पश्चात धारा 363, 366, 376(2) (ढ) भा०दं० संहिता एवं धारा 6 पाक्सो अधिनियम के तहत माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय द्वारा आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 (2) (ढ) भा०दं०संहिता एवं
धारा 6 पाक्सो अधिनियम के तहत आरोप विरचित कर ट्रायल प्रारंभ की गई। अभियोजन की ओर से प्रस्तुत मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य से अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363 भा0द0 संहिता एवं धारा 6 पाक्सो अधिनियम के आरोप में सिद्ध नहीं पाये जाने पर न्यायालय द्वारा संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त किया गया है। तथा धारा 366, 376 (2) (ढ) भा०दं० संहिता में आरोपी के विरूद्ध दोषसिद्ध पाते हुए धारा 376 (2) भा०दं०संहिता मे 10 वर्ष का सश्रम करावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदण्ड तथा धारा 366 भा०दं०संहिता में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अतिक्ति सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय गरियाबंद यशवंत वासनीकर द्वारा पीड़िता की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति को देखते हुए पीड़िता की आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर विचार करते हुए पीड़िता को प्रतिकर स्वरूप 4,00,000 रुपये (चार लाख रुपये मात्र) प्रदाय किये जाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेशित किया गया है। उक्त प्रकरण की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू द्वारा की गई है।

"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्ट
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किरीट ठक्कर "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" संवाददाता

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