रानीतराई महाविद्यालय : सुशासन पर केंद्रित संगोष्ठी संपन्न।
B. R. SAHU CO-EDITOR
रानीतराई :- स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में शासन के आदेशानुसार सरकार के गठन के एक वर्ष पूर्ण होने पर सुशासन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार मिश्रा के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती आराधना देवांगन के नेतृत्व में सुशासन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती आराधना देवांगन ने कार्यक्रम को संचालित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के गठन के पश्चात एक वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित संगोष्ठी में सरकार की योजनाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की योजनाएं से जनता लाभान्वित हुई है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि – सुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है। सु का अर्थ – अच्छा और शासन का अर्थ – सरकार की नीति या कार्य प्रणाली से है। सुशासन का अर्थ- जो शासन या प्रशासन चरित्र, अच्छा, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और विधि का शासन हो। जो जनहित में कार्य करें वह सुशासन है। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं एवं उपलब्धियों के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दिया। मुख्य वक्ता के रूप में अतिथि व्याख्याता श्री टीकेश्वर कुमार पाटिल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि – छत्तीसगढ़ सरकार की गठन के 1 वर्ष पूर्ण होने पर सुशासन विषय के संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा संचालित योजनाएं – महतारी वंदन योजना, तेंदूपत्ता संग्रहण योजना, अयोध्या रामलला दर्शन योजना, नियद नेल्लार योजना, सीजीपीएससी में पारदर्शिता, नक्सली मुक्त राज्य छत्तीसगढ़, औद्योगिक विकास, जनकल्याणकारी योजनाओं, बस्तर पर्यटन, मत्स्य पालन योजना, शहरी आजीविका मिशन, किसान योजना, दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि योजना, मजदूर योजना, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना, श्रम अन्न योजना, महिला सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, ओलंपिक बस्तर, भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ आदि योजनाओं पर विचार रखे।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ आलोक शुक्ला, चंदन गोस्वामी, डॉ. रेश्मी महिश्वर, भारती गायकवाड़, शगुफ्ता सिद्दीकी, श्रीमती अंबिका ठाकुर बर्मन, रेणुका वर्मा, अतिथि व्याख्याता शिखा मडरिया, डॉ दीपा बाईन, दानेश्वर प्रसाद एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थिति थे।