लोकसभा में बहुमत से स्वीकार हुआ वन नेशन वन इलेक्शन बिल पक्ष में पड़े 269 वोट बार-बार चुनाव से समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं।⬇️⬇️
दुर्ग-पाटन (देवाशीष बघेल) : वन नेशन वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब इसे संसद में इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया गया जिसे बहुमत से स्वीकार लिया गया है, वही पहले से ही ।विपक्षी इंडिया गठबंधन का कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन की धारणा संघीय ढांचे के ख़िलाफ़ है, जबकि 198 वोट इसके खिलाफ पड़े है।⬇️शेष⬇️
इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में पेश किया था केंद्र सरकार लंबे समय से यह दावा करती आ रही है कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ चुनाव सुधार की दिशा में एक बड़ा क़दम है.इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए, सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की संभावनाएं तलाशने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया, इस समिति ने मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति का कहना है कि सभी पक्षों, जानकारों और शोधकर्ताओं से बातचीत के बाद ये रिपोर्ट तैयार की गई है। ⬇️शेष⬇️
रिपोर्ट के मुताबिक : 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार समिति के साथ साझा किए, जिनमें से 32 दल ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के समर्थन में थे।⬇️शेष⬇️
रिपोर्ट में कहा गया : “15 दलों को छोड़कर बाकी 32 दलों ने साथ-साथ चुनाव कराने का समर्थन किया और कहा कि ये तरीका संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को तेज़ी देने में मदद करेगा.चुनाव आयोग ने पहली बार एक साथ चुनाव करने का प्रस्ताव 1983 में दिया था। आज़ादी के बाद भारत में पहली बार 1951-52 में आम चुनाव हुए थे. उस वक्त लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 22 राज्यों की विधानसभा के चुनाव भी कराए गए थे. ये पूरी प्रक्रिया क़रीब 6 महीने तक चली थी।⬇️शेष⬇️
पहले आम चुनाव में 489 लोकसभा सीटों के लिए 17 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला था, जबकि आज भारत में वोटरों की संख्या लगभग 100 करोड़ हो चुकी है.1983 में भारतीय चुनाव आयोग ने एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार को दिया था. हालांकि, यह प्रस्ताव तब लागू नहीं हो पाया. एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस कानून की वकालत करते हुए कहा था कि लगातार चुनाव देश की प्रगति में बाधा बन रहे हैं।⬇️शेष⬇️
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के बाद यह फैसला आया है। इससे लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे। यह सब 100 दिनों के अंदर होगा। सरकार का मानना है कि इससे देश की जीडीपी में 1-1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। कई नेताओं ने इस फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि बार-बार चुनाव से समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं। बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा था कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर आम सहमति बनानी चाहिए।⬇️शेष⬇️
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला किसी एक दल का नहीं, बल्कि पूरे देश के हित में है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला पाटन विधानसभा के भाजपा नेताओं ने राजनीतिक शुचिता के लिए यह सार्थक पहल कहा नागरिक संसोधन कानून लोकसभा के बाद राज्यसभा मे भी पास होने पर प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी एवं गृहमंत्री माननीय अमित शाह जी तथा छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले के लाडले सम्मानीय सांसद महोदय विजय बघेल जी और संसद सदस्यो एवं भाजपा सरकार का कोटि कोटि आभार एवं सभी देश वासियों को कोटि कोटि बधाईयाँ दी।⬇️शेष⬇️
इस अवसर पर प्रमुख रूप से लालेश्वर साहू मंडल अध्यक्ष दक्षिण पाटन, जनपद सदस्य रवि सिन्हा, रूप सिंह सिन्हा, बेणीराम राम साहू प्राधिकृत अधिकारी नीपानी सोसायटी, कुर्मी गुंडरा सोसायटी के प्राधिकृत अधिकारी दानी राम आडील, खम्हण लाल बीजौरा, पूर्व सेवा सहकारी समिति अध्यछ अमर सीह वर्मा, भुतपूर्व ग्रामीण क़ृषि विस्तार अधिकारी पवन बंछोर, नंदकुमार नायक जी पूर्व संचालक मंडल, देवाशीष बघेल पूर्व संचालक मंडल और रविन्द्र बघेल पूर्व संचालक मंडल, पवन बंछोर, परमानंद साहू, पटेल समाज अध्यछ मायाराम पटेल, बोहरण साहू, डामन लाल साहू सभी ने बिल पास होने पर आभार व्यक्त किया।