अपात्रों का सैकड़ो एकड़ वन अधिकार पट्टा बना दिया गया – जनक ध्रुव विधायक बिंद्रानवागढ़

विधान सभा के प्रश्न काल में  मैनपुर क्षेत्र के शोभा गोना वन अधिकार पट्टे का मामला उठा : प्रशानिक जांच पर भी उठे सवाल 

किरीट भाई ठक्कर,गरियाबंद। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में गरियाबंद जिले में वन अधिकार पट्टे का मामला बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव द्वारा उठाया गया। जनक ध्रुव ने माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय के माध्यम से ये जानना चाहा कि जिले के मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम शोभा में सरपंच एवं ग्राम पंचायत सचिव के फर्जी सील एवं हस्ताक्षर से वन भूमि पट्टे की मांग की गई थी, जिस पर पूर्व सरपंच द्वारा कलेक्टर को लिखित शिकायत प्रस्तुत कर एफआईआर की मांग की गई थी उस पर क्या हुआ ?
विधायक जनक ध्रुव के प्रश्न का उत्तर देते हुये राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि जिले के ग्राम शोभा में सरपंच सचिव के फर्जी हस्ताक्षर एवं सील लगाकर वन अधिकार पट्टे की मांग की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा इसकी जांच का जिम्मा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एवं अनुविभागीय अधिकारी को सौपा गया था। कलेक्टर द्वारा निर्देशित जांच में पाया गया कि संजय नेताम पिता जोहर नेताम व अनिता नेताम पति संजय नेताम के नाम शिकायत की गई थी, इनके द्वारा वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने कोई आवेदन ही नही दिया गया ? शिकायत निराधार पाई गयी और जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रेषित किया गया। कलेक्टर द्वारा 21 जुलाई 2022 को समय सीमा में प्रकरण विलोपित कर दिया गया।
राजस्व मंत्री के इस जवाब से असतुंष्ट जनक ध्रुव द्वारा पुनः प्रश्न उठाया गया कि उक्त प्रस्ताव 6 सदस्यीय अनुविभागीय समिति द्वारा 8 मार्च 2018 को अनुमोदन पश्चात जिला समिति में भेजा गया, जिसमें दावे का पुख्ता प्रमाण है, प्रस्ताव में बीटगार्ड, रेंजर, पटवारी का हस्ताक्षर है साथ ही वन समिति का हस्ताक्षर पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी ( रा ) देवभोग द्वारा पूर्व सरपंच एवं सचिव को पत्र क्रमांक 865 के माध्यम से धारा 40 की कार्यवाही का नोटिस दिया जाता है ? यदि शिकायत निराधार थी तो फिर ऐसा क्यों ?
राजस्व मंत्री ने सदन में अपना जवाब दोहराते हुये कहा कि पूर्व सरपंच जमुना बाई और सचिव समारू राम ध्रुव के फर्जी सील साइन से पट्टे की मांग की गई थी , शिकायत के बाद जांच समिति द्वारा जांच की गई , जिनके नाम शिकायत की गई, उनके द्वारा किसी प्रकार के वन अधिकार पट्टे की मांग नही की गई, आरोप निराधार मानते हुये कलेक्टर द्वारा शिकायत प्रकरण विलोपित कर दिया गया।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रश्नकाल में बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव

राजस्व मंत्री के जवाब पर जनक ध्रुव ने कहा कि कैसे विलोपित कर दिया गया, मेरे पास तमाम दस्तावेज है, जिले में अपात्रों को सैकड़ों एकड़ वन भूमि पट्टा दे दिया गया है जबकि पात्र वंचित हैं।

शासनकाल किसका

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मुद्दा समाप्त करने के उद्देश्य से कहा कि मामला कांग्रेस शासनकाल का है, जिस पर जनक ध्रुव ने कहा कि मामला भाजपा शासनकाल का है, सदन को गुमराह किया जा रहा है, मैं राज्य स्तरीय समिति बनाकर पुनः इसकी जांच की मांग रखता हूँ। फर्जी हस्ताक्षर को लेकर भी सदन में चर्चा उठी।
अंत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2018 के पहले हमारी सरकार नही थी , मामला तब का है, और शिकायत किसी भी समय की हो सदन में कार्यवाही की घोषणा की जानी चाहिये।

कुछ अधूरे प्रश्न जन समुदाय के

प्रश्न है कि सरपंच जमुना बाई और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर किसने किये ?
सरपंच और सचिव के फर्जी सील का उपयोग किसने किया ?
यदि संजय नेताम पिता जोहर नेताम अनिता नेताम पति संजय नेताम द्वारा पट्टे की माँग नही की गई तो किसके द्वारा की गई ?
क्या कलेक्टर द्वारा निर्देशित जांच टीम का दायरा सीमित रहा , विस्तृत जांच क्यों नहीं कि गई ?
क्या जांच टीम, संजय नेताम जो की कांग्रेस के सक्रिय नेता रहे है साथ ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे , 2018 में कांग्रेस की विधानसभा सीट के प्रबल दावेदार रहे और फिर प्रत्यासी भी रहे के प्रभाव में रही ?
इन तमाम प्रश्नों के उत्तर जिला प्रशासन को देने चाहिये , तभी पारदर्शी सुशासन की कल्पना साकार हो सकेगी।

"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्ट
"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्टhttps://chhattisgarh-24-news.com
किरीट ठक्कर "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" संवाददाता

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