नवापारा राजिम। नवरात्र महोत्सव के अवसर पर गुजराती समाज नवापारा राजिम द्वारा प्रतिवर्षानुसार परंपरागत तरीके से श्री सामुदायिक भवन प्रांगण (नेहरू गार्डन के पास) में माताजी की छवि ज्योत स्थापना एवं गरबा-रास डांडिया का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। समाज द्वारा पिछले 65 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में समाज की महिलाएं, बच्चे एवं वरिष्ठजन रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।
परम्परागत गरबा उत्सव के दौरान शनिवार पंचमी तिथि पर विशेष कार्यक्रम “आरती थाल सजाओ प्रतियोगिता” आयोजित की गई, जिसमें समाज की महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्रीमती ज्योतिबेन परमार को प्रदान किया गया
विगत अनेक वर्षों से माताजी की सेवा-पूजा, पूजारी संजय महाराज (नवापारा वाले) के द्वारा श्रद्धापूर्वक की जा रही है।
गुजराती समाज के इस पारम्परिक आयोजन में समाज के अध्यक्ष अनिल भाई शाह एवं अनेक प्रमुख समाज जन उपस्थित रहे, जिनमें डॉ.दिलीप शाह, दीपक भाई कामदार, लाला भाई पटेल, प्रवीण भाई नथवानी,मनीष नथवानी, अभिषेक गाँधी,चेतन भाई मणियार, प्रियेष् भाई शाह, मितेश भाई शाह, मयंक भाई शाह,ललित भाई गंडेचा, नवनीत भाई गांधी,संदीप भाई कोटक, कमलेश भाई परमार, मयूर मणियार, सुमीत गंडेचा, भीखू भाई नथवानी, मुकेश नथवानी, गिरीश भाई लोटिया, ललित भाई नथवानी,कल्पेश कबीर नथवानी,अरविंद भाई सोमैय्या, विपुल भाई लोटिया,अशोक लोटिया,धीरेंद्र भाई सोनी, लतेश भाई सोनी,जयेश भाई सोनी,किरीट भाई सोनी,राजीव भाई गाला,अश्विन पटेल,बिपिन भाई खंभाति,सागर खंभाति,नरेंद्र भाई बाबरिया, प्रकाश मकवाना,सोनू भाई ठक्कर,राजेंद्रभाई ठक्कर,राजेश भाई ठक्कर,गौरव बखारिया, उदित चौहान, मुकेश भाई नथवाणी,परेश भाई कोटेचा,भरत भाई लोटिया, मनीष भाई खंभाति, ऋतिक लोटिया, यश लोटिया, सहित समाज की महिलाएं, बच्चे एवं वरिष्ठजन बड़ी संख्या में सम्मिलित हुये।
आपको बता दें कि शारदेय नवरात्र के अवसर पर सभी गुजराती समाज जन माताजी के समक्ष एकजुट होकर रास-गरबा के माध्यम से भक्ति और आराधना करते हैं। ये परंपरा पिछले 65 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है, सादगी और विनम्रता गुजराती समाज की प्रमुख पहचान है, जो इस महोत्सव में स्पष्ट दिखाई देती है।
यह नवरात्र गरबा महोत्सव दिनांक 22 सितम्बर से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा। प्रतिदिन रात 9 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत आरती के साथ होती है तथा रात्रि 11.30 से 12 बजे तक श्रद्धा और उत्साह के साथ गरबा-रास का आयोजन किया जाता है।
