राज्य और केंद्र सरकार किसानों को मुवावजा दे देवाशीष बघेल नुकसान फसल की परिक्षण पटवारी के माध्यम से करा कर शीघ्र मुवावजा दिया जाना चाहिए ताकि पीड़ित किसानों को मिल सके राहत…
पाटन/कुर्मीगुंडरा : बे मौसम बारिश के कारण चने और गेहूं की फसल खराब हो गई है। वही सबसे ज्यादा नुकसान चने की फसल में होने की आशंका है। कई किसानों के खेत में चने की फसल कटकर पड़ी है। बारिश के कारण किसान खेत में पड़ी अपनी फसल को बचा नहीं पाए। फसल गीली होने से क्वालिटी के खराब होने की आशंका बनी हुई है। जिले के किसानों पर इन दिनों चिंता के बादल मंडरा रहे हैं। आए दिन हो रही बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंच रहा है।⬇️शेष नीचे⬇️
गेहूं के दाने का रंग पड़ने लगा फीका .? : बीते दो दिनों से आसमान में छाए बादल मंगलवार 19 मार्च की सुबह बरस पड़े। डेढ़ से दो घंटे तक बारिश होती रही जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। जहां गेहूं के दाने का रंग फीका पड़ने की आशंका बन गई है। वहीं चने की बोवनी करने वाले किसानों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। पिछले दो चार दिनों से क्षेत्र में चने की फसल की कटाई का कार्य चल रहा था। चने गेहूं की क्वालिटी पर असर पड़ेगा.?⬇️शेष नीचे⬇️
10 हजार किसानों को अब तक नहीं मिल सका मुआवजा.? : क्षेत्र में गेहूं और चने की फसल पकने को आ गई है। बारिश होने से किसानों को कटाई में परेशानी होगी। बारिश के कारण गेहूं और चने की क्वालिटी पर भी असर पड़ने की आशंका है। गेहूं की बालियां काली पड़ रही है। और वजन में भी अंतर आएगा।चने को ये नुकसान चने के काले पड़ने का अंदेशा गीले होने से अंकुरण भी होगा अब भी है इंतजार:बारिश से चने की फसल बर्बाद, इस साल फिर से सर्वे कर मुआवजा देने जाने चाहिए, वही दुर्ग जिले में 3 वर्ष पहले पिछले साल के नुकसान का 10 हजार किसानों को अब तक नहीं मिल सका मुआवजा.?⬇️शेष नीचे⬇️
जिले में जल्द करे सर्वे का काम शुरू.?: हाल में हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारण चना फसल को नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए कुर्मीगुंडरा के युवा किसान नेता सेवा सहकारी समिती के भूतपूर्व संचालक मंडल सदस्य ने निर्देश दिए हैं कि बेमौसम बारिश से यदि कहीं कोई क्षति होती है तो उसका शीघ्र आंकलन कर प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए। जिले में जल्द ही सर्वे का काम शुरू होना चाहिए.?⬇️शेष नीचे⬇️
किसानों का करीब 20 लाख से अधिक बकाया.?: लेकिन मुआवजा दिए जाने को लेकर जिले में स्थिति खराब है। दरअसल बीते वर्ष जनवरी-फरवरी माह में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण लगभग 80 हजार हेक्टेयर में लगे चने की फसल को नुकसान हुआ। तब शासन ने मुआवजा देने का ऐलान किया। लेकिन जिले में एक साल बीत जाने के बाद लगभग 10 हजार किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिल सकी है। इन किसानों का करीब 20 लाख से अधिक बकाया है। इसके अलावा दूसरी समस्या यह है कि बीते सत्र में ज्यादा बारिश के कारण सरसो की फसल भी खराब हुई थी। इन किसानों को अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिला है, जबकि सर्वे पूरा कर लिया गया है।⬇️शेष नीचे⬇️
मुआवजा सूची बनाने के दौरान हुई है कई प्रकार की त्रुटि.? : अब तक चना मुआवजा को लेकर राज्य सरकार ने करीब 60 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है।कई किसानों ने फसल बीमा कराया है। इस कारण बीमा कंपनी को जानकारी दे दी है। अब राजस्व मुआवजा सर्वे का इंतजार कर रहे हैं। यहां भी लगभग 5 हजार किसानों को बीते सत्र की राशि नहीं मिली है। नियम से किसानों को इस तरह मिलनी है राशि राजस्व विभाग द्वारा किए गए सर्वे रिपोर्ट में राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत सिंचित भूमि का प्रति हेक्टेयर 13 हजार पांच सौ और असिंचित भूमि का 6 हजार 8 सौ रुपए के आधार पर मुआवजा राशि दिया जाता है। सर्वे का काम मार्च 2020 में पूरा हुआ है।केस- 2. चना मुआवजा सूची बनाने के दौरान कई प्रकार की त्रुटि हुई है। इस कारण किसानों का मुआवजा राशि लंबित है।