रिपोर्ट – दीपक साहू
राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति sc-st वर्गों के लिए 1950 के पूर्व दस्तावेज को नियम में सिथिल करने के बावजूद एसटी एससी समाज के लोग अपने बच्चों की जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रशासन के पास भटक रहे हैं इसके बावजूद प्रशासन नियमों का हवाला देते हुए अनुसूचित जाति जनजाति sc-st युवा वर्गों को मायूसी का सामना करना पड़ रहा है ।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला महामंत्री रविंद्र रामटेके ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री उनके द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति sc-st युवा वर्गों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए नियमों में सिथिल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत व शहरी क्षेत्रों में नगर पालिक निगम नगर पंचायत नगर पालिका परिषद से सामान्य सभा बैठक में जाति प्रमाण पत्र की संपूर्ण जानकारी के साथ सर्वसम्मति से पारित करने के बाद संबंधित एसडीएम कार्यलय में मूल प्रति फाइल प्रस्तुत करने के बावजूद संबंधित अधिकारी एसटी एससी की जाति प्रमाण पत्र बनाने में नियमों का हवाला देते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी नही कर रहे हैं।
श्री रामटेके ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आगे बताया कि सिर्फ फाइलों और कागजों में एसटी एससी जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए सिथिल किए हैं वास्तव में पूरी नियम कायदे कानून के साथ जाति प्रमाण पत्र बनाने में सिथिल करते तो आज एसटी एससी वर्गों के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में कोई दिक्कत नहीं होता।
राज्य सरकार सिर्फ अनुसूचित जाति जनजाति sc-st युवा वर्गों को अपने चुनावी जाल में हंसाने के लिए सिथिल करने का गुमराह कर रहे हैं। प्रशासन जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1950 के पूर्व रिकॉर्ड की मांग करते हैं जबकि छत्तीसगढ़ राज्य को मध्य प्रदेश से अलग हुए 22 साल ही हुए हैं ऐसी स्थिति में एसटीएसटी वर्गों के लोग 50 साल पूर्व के रिकॉर्ड कहां से ला पाएंगे। ग्राम स्वराज के तहत ग्राम पंचायत को ग्राम विकास और निर्णय में पूर्ण अधिकार मिले इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करते हुए ग्राम पंचायत को ग्राम विकास और विभिन्न निर्णय को ग्राम सभा में सर्व सहमति से पारित करने ग्राम पंचायत को अधिकार दिए हैं।
किन्तु ग्राम सभा के अनुमोदन को दर किनारे करते हुए जाति प्रमाण पत्र बनाने में रोक लगा देते हैं ऐसी स्थिति में ग्राम स्वराज ग्राम पंचायतों ग्राम सभाओं के निर्णय अनुमोदन के तहत एसटीएसटी युवकों को जाति प्रमाण पत्र बनाने रोक क्यों करते हैं। सिर्फ एसटीएससी वर्गों को गुमराह करने के सिवाय और कुछ नहीं कर रहे हैं अगर वास्तव में एसटी एससी समाज को आगे बढ़ने के लिए सरकार सहयोग देते तो आज एसटीएससी वर्गों के युवा छात्रा पढ़े लिखे होने के बावजूद आज जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए दर-दर भटकते नहीं तथा नगर पालिक निगम में शहर के 51 वार्डों से एसटीएससी जरूरतमंद युवकों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एमआईसी में पारित करने के बावजूद एसडीएम कार्यालय से स्थाई जाति नहीं बनना राज्य सरकार की नाकामी का होना बताया है।
उन्होंने कहा की जाति प्रमाण पत्र बनाने में जो दिक्कतें आ रही है अगर उन्हें सिथिल नहीं किया गया तो आने वाले समय में सर्व समाज के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
एससी एसटी के लिए 1950 और ओबीसी के लिए 1984 उससे पहले व्यक्ति निवासरत होना चाहिए है तभी हम दे पाएंगे जाति प्रमाण पत्र। लेकिन नगर निगम ने जो प्रस्ताव हमें लिखकर भेजा है उनका निवास समय अंकित नहीं6 यह गया और उसका स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है नगर निगम से हमने बात किया है नियम के तहत आएंगे तो हम निश्चित उन्हें जाति प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। अरुण कुमार वर्मा एसडीएम राजनांदगांव