मनेन्द्रगढ़ : कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा के निर्देशानुसार कलेक्टर सभा कक्ष में संयुक्त कलेक्टर श्री सी.एस.पैकरा तथा एसडीएम श्रीमती अभिलाषा पैकरा ने जिला कार्यालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उर्जा संरक्षण संकल्प दिलाया। ऊर्जा संरक्षण दिवस पर समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने संकल्प लेते हुए कहा कि हम ऊर्जा का अपव्यय रोकेंगे एवं अन्य लोगों को भी ऊर्जा अपव्यय रोकने हेतु जागरूक करेंगे।
हम ऊर्जा संरक्षण हेतु ऊर्जा दक्ष विद्युत उपकरणों के उपभोग हेतु जागरूक करेंगे। हम सौर संयंत्रों का उपयोग करेंगे तथा अन्य लोगों को भी उपयोग हेतु जागरूक करेंगे। हम जल का अपव्यय रोकेंगे तथा लोगों को इस हेतु जागरूक करेंगे। हम पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ों को कटने से रोकेंगे तथा वृक्षारोपण करेंगे। आदर्श नागरिक होने के नाते हम ऊर्जा पर्यावरण एवं जल संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक करेंगे, ताकि आगे आने वाली पीढ़ी के लिये एक बेहतर वातावरण सुनिश्चित हो सके। एक नये व स्वच्छ भारत का निर्माण कर सकें।
बताते चले कि प्रकृति में संसाधन सीमित मात्रा में होते हैं। दूसरे शब्दों में, प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित मात्रा में होती है। विश्व में जितनी अधिक जनसंख्या बढ़ रही है, उसके साथ-साथ उन सब की आवश्यकताएँ भी बढ़ती ही जा रही है। सभी प्रकार की मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की बहुत आवश्कता होती है परंतु जिस गति से ऊर्जा की जरूरत बढ़ रही है। उसको देखते हुए ऊर्जा के सभी संसाधनों को नष्ट करने की आशंका बढ़ने लगी है।
खासकर ऊर्जा के उन सभी साधनों को जिन्हें हम पुनः निर्मित नहीं कर सकते है, जैसे पेट्रोल, डीजल, कोयला और खाना पकाने की गैस आदि। अतः यह जरूरत के अनुसार हम ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दे सकते है। क्योंकि यदि समय रहते हम अपने प्रयास करने में सफल नहीं हुए तो सम्पूर्ण विश्व के लोग खतरे में पड़ सकते है। ऊर्जा संरक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि गैर-नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करने से हमारे पर्यावरण पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
विशेष तौर पर कार्बन डाइऑक्साइड जैसे वायु और जल प्रदूषण के लिए जीवाश्म ईंधन की आपूर्ति का उत्पादन किया जाता है और बिजली, स्टेशनों में हीटिंग सिस्टम और कारों के इंजनों में तेल और कोयला, गैस का उपयोग बहुत अधिक मात्रा महीनो लगा है। ऐसी स्थिति में यहाँ पर भारत को विकसित करने के लिए और ऊर्जा की मांग में बढ़ोतरी के कारण इससे निपटने की बहुत कोशिश करता है। नवीन स्रोतों को विकसित करने के लिये इनके महत्व को समझाना जरूरी होता है। सभी देशों में सौर-ऊर्जा को अधिक महत्व दिया जा रहा है तथा इसको और अधिक मात्रा मे उपयोगी बनाने के लिये इसके विकास के लिये विश्व भर के सभी वैज्ञानिकों द्वारा इसकी खोज अभी भी जारी।