पंचगव्य चिकित्सा पर कक्षाएं संपन्न, सात जिले से विद्यार्थी हुए शामिल

राजनांदगांव सहित बालोद, कबीरधाम, रायपुर, बेमेतरा, दुर्ग, धमतरी जिले से बड़ी संख्या में विद्यार्थी हुए शामिल

राजनांदगांव : पंचगव्य विद्यापीठम कांचीपुरम् तमिलनाडु के मार्गदर्शन में पंचगव्य चिकित्सा विस्तार केन्द्र बसंतपुर महामाया चौक राजनांदगांव में पांच दिवसीय पंचगव्य चिकित्सा (एडीपीटी) पर कक्षाओं का आयोजन किया गया। जिसमें राजनांदगांव सहित बालोद, कबीरधाम, रायपुर, बेमेतरा, दुर्ग, धमतरी जिले से बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए। गव्यसिद्ध आचार्य डिलेश्वर साहू द्वारा पांच दिवस चले इस आवासीय कक्षाओं में गाय सेे प्राप्त पंचगव्य और प्राकृतिक औषधियों के संयोजन से मनुष्य में होने वाली विभिन्न साध्य व असाध्य रोगों के उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।⬇️शेष नीचे⬇️

उन्होंने बताया कि पंचगव्य विद्यापीठम कांचीपुरम् तमिलनाडु द्वारा एडवांस डिप्लोमा इन पंचगव्य थेरेपी (एडीपीटी) एक वर्षीय कोर्स का संचालन किया जा है, जो भारत सरकार के संसदीय बोर्ड के अंतर्गत आने वाले भारत सेवक समाज (बीएसएस) द्वारा मान्यता प्राप्त एक व्यावसायिक शिक्षा कोर्स है। जिसमें पंचगव्य व वनस्पतियों से विभिन्न तरह की भोज्यौषधियों का निर्माण, गौशाला प्रबंधन, मनुष्य एवं गाय की चिकित्सा, जैविक कृषि, मार्केटिंग मैरेजमेंट की शिक्षा दी जाती है।⬇️शेष नीचे⬇️

वही गव्यसिद्ध डॉ. प्रमोद कश्यप द्वारा गौशाला प्रबंधन पर आवश्यक मार्गदर्शन दिया और पंचगव्यों के ऊर्जा विज्ञान से विद्यार्थियों को प्रयोग के माध्यम से परिचित कराया। बालोद जिले के गव्यसिद्ध डॉ. पुरूषोत्तम सिंह राजपूत ने शरीर ऊर्जा विज्ञान, मानव जीवन में गाय का महत्व, गौ आधारित कृषि सहित विभिन्न विषयों का अध्यापन कराया। कुमरदा के गव्यसिद्ध डॉ. ज्ञानचंद साहू ने विद्यार्थियों को प्रयोगिक कक्षाओं में पंचगव्य औषधि निर्माण, दैनिक उपयोग में आने वाले पंचगव्य उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया। विद्यार्थियों को माँ पंचगव्य गौशाला ग्राम लिटिया एवं गुरूकृपा गौशाला ग्राम गातापार का शैक्षणिक भ्रमण भी करया गया। इस दौरान गौ संस्कृति अनुसंधान संस्थान राजनांदगांव के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गुप्ता द्वारा गौधारित प्रकल्पों एवं कार्य योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई।

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