वन विभाग की बड़ी सफलता: मनेंद्रगढ़ में मादा भालू और दो शावकों का सफल रेस्क्यू, खत्म हुई दहशत
डीएफओ मनीष कश्यप के नेतृत्व में टीम ने दिखाया कौशल; सुरक्षित बचाए गए वन्यजीव, नगरवासियों ने ली राहत की सांस
मनेंद्रगढ़ | पिछले कई दिनों से मनेंद्रगढ़ शहर और आसपास के इलाकों में दहशत का पर्याय बनी मादा भालू और उसके दो शावकों को अंततः वन विभाग ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है। डीएफओ (मण्डल वन अधिकारी) मनीष कश्यप के कुशल मार्गदर्शन में चले इस ऑपरेशन की सफलता के बाद स्थानीय निवासियों ने चैन की सांस ली है।
दहशत के साये में थे शहरवासी विदित हो कि पिछले कुछ दिनों से मादा भालू अपने दो नन्हें शावकों के साथ रिहायशी इलाकों के करीब देखी जा रही थी। जंगली जानवरों की मौजूदगी से शहर के बाहरी वार्डों में डर का माहौल था और लोग शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर थे। भालू के हिंसक होने की आशंका को देखते हुए वन विभाग लगातार निगरानी बनाए हुए था।
रणनीति और सफल ऑपरेशन डीएफओ मनीष कश्यप ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विशेषज्ञों की टीम गठित की थी। वन विभाग की टीम ने आधुनिक उपकरणों और पिंजरों की मदद से घेराबंदी की। टीम ने धैर्य का परिचय देते हुए यह सुनिश्चित किया कि रेस्क्यू के दौरान न तो वन्यजीवों को कोई चोट आए और न ही किसी जनहानि की स्थिति बने।
अंततः, मादा भालू और दोनों शावकों को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज (बेहोश) कर सुरक्षित कब्जे में ले लिया गया। रेस्क्यू के बाद तीनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास (घने जंगल) में सुरक्षित छोड़ने की तैयारी कर ली गई है।
अधिकारियों की थपथपाई जा रही पीठ इस सफल रेस्क्यू के लिए डीएफओ मनीष कश्यप और उनकी पूरी टीम की जमकर तारीफ हो रही है। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि मादा भालू और शावकों को बिना किसी नुकसान के बचाना वन विभाग की पेशेवर दक्षता को दर्शाता है।
अधिकारी का कथन: > “हमारी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्यजीवों का संरक्षण भी थी। टीम की सूझबूझ और कड़ी मेहनत से यह ऑपरेशन सफल रहा।”