*धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था से किसानों में गहरी चिंता: विष्णु लोधी ने सरकार को घेरा*

*“किसानों की पीड़ा पर चुप क्यों है सरकार? धान खरीदी में देरी से अन्नदाता की मेहनत पर संकट” – विष्णु लोधी*

*“क्या यह वही सरकार है जो किसानों की हितैषी होने का दावा करती है?किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं, लेकिन जवाबदेही जरूरी”- विष्णु लोधी*

*“सरकार की असंवेदनशीलता ने किसानों को संकट में धकेला” – विष्णु लोधी*

*“धान खरीदी केंद्रों की बदहाली पर सरकार कब जागेगी? किसान पूछते हैं—हमारी मेहनत का मोल कौन देगा?”*

*“किसानों की आंसुओं से भरी जमीन पर कब उगेगा न्याय? सरकार की उदासीनता: किसानों का भविष्य खतरे में” – विष्णु लोधी*

*“किसानों की आवाज को दबाना सरकार के पतन की शुरुआत” – विष्णु लोधी*

*“सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब”- विष्णु लोधी*

*“धान खरीदी केंद्र बंद : किसान का दर्द कब सुनेगी सरकार?”*

राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ लोधी समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता विष्णु लोधी ने आज जिले के धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया, जहां स्थिति बेहद चिंताजनक और दर्दनाक मिली। अधिकांश केंद्र बंद पड़े थे, और जो खुले भी थे, वहां व्यवस्थाओं का अभाव था। यह देखकर स्पष्ट हो गया कि सरकार की नीति और नीयत दोनों ही किसानों के खिलाफ हैं। जिससे किसानों में गहरा आक्रोश और असुरक्षा की भावना है।

विष्णु लोधी ने कहा:
“धान खरीदी केंद्रों की बदहाल स्थिति और किसानों की पीड़ा को देखकर मन व्यथित हैं।” समय सीमा की कमी और अवस्थित व्यवस्था ने किसानों को संकट में डाल दिया है। “किसान, जो हमारे देश का अन्नदाता है, आज खुद असहाय और अपमानित महसूस कर रहा है। धान खरीदी प्रक्रिया में देरी, ऑनलाइन टोकन की अव्यवस्था और केंद्रों की बदहाल स्थिति ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। सरकार का यह रवैया न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि किसानों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है।”

*किसानों के दर्द की अनदेखी क्यों?*

सरकार ने धान खरीदी को 15 दिन देर से शुरू कर पहले ही किसानों को असमंजस में डाल दिया। अब समय की कमी और अव्यवस्थित प्रक्रियाओं ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। किसान इस बात को लेकर आशंकित हैं कि वे अपना धान बेच भी पाएंगे या नहीं। उनकी मेहनत की फसल खुले आसमान के नीचे सड़ रही है, और सरकार केवल वादों और कागजी योजनाओं का ढिंढोरा पीट रही है।

*किसान पूछते हैं—जवाब कौन देगा?*

विष्णु लोधी ने कड़े शब्दों में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा: कि “यह सरकार केवल जुमलों की सरकार है। जिन किसानों की मेहनत से यह देश चलता है, उनके साथ इतना बड़ा छल कै से किया जा सकता है? किसानों का हर आंसू इस सरकार की असंवेदनशीलता का प्रमाण है। अगर सरकार ने तुरंत किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो जनता इसे माफ नहीं करेगी।”उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह तुरंत स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए।

*मांग और चेतावनी*

विष्णु लोधी ने सरकार से निम्नलिखित मांगे रखीं:

1. धान खरीदी केंद्रों को तुरंत चालू कर व्यवस्थित व्यवस्था की जाए।

2. ऑनलाइन टोकन प्रणाली को समाप्त कर सरल और पारदर्शी प्रक्रिया लागू की जाए।

3. धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाकर हर किसान को धान बेचने का अवसर दिया जाए।

4.  बारदाने की कमी को तत्काल दूर करें।

5. धान के वजन में कटौती करना बंद करे।

6. समुचित परिवहन और उठाव व्यवस्था का अभाव – प्रशासन से इस समस्या का शीघ्र समाधान करें।

7. किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की एकमुश्त राशि का भुगतान करे ।

8. 117 रुपये की समर्थन मूल्य वृद्धि का भुगतान –  शीघ्र करें ।

उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ें और अपनी आवाज बुलंद करें। यह समय चुप रहने का नहीं, बल्कि सरकार को आईना दिखाने का है।”

अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं को अनदेखा करना जारी रखा, तो विष्णु लोधी ने वादा किया कि वे किसानों के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेंगे। यह लड़ाई अन्नदाताओं की गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए है, और इसमें किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे।

इस दौरान जिला अध्यक्ष भागवत साहू, कंवल जित पिंटू जिला पंचायत सदस्य पुष्पा वर्मा, किसान विंग के जिला अध्यक्ष मदन साहू, ब्लॉक अध्यक्ष सुरेश सिन्हा, चुम्मन साहू,राजू राजपूत, फिरंगी, गोकुल वर्मा, श्याम सायं  टांडेकर, मोती वर्मा, विश्राम वर्मा, कमलेश वर्मा, आदि बड़ी संख्या में किसान भाई एवं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे।

राजनांदगांव से दीपक साहू

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