संतोष देवांगन /रायपुर : भूपेश बघेल सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनाव को जीतने और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए प्रदेश की जनता और सरकारी कर्मचारियों के कई मांगो को पूरा करने व कई नए वादा किया रहा लेकिन अब यह वादा प्रदेश सरकार के गले की फांस बन गई है..? क्योंकि प्रदेश में एक हड़ताल शांत नहीं होता वही दूसरी हड़ताल चालू हो जाता हैं। और इस हड़ताल-धरना प्रदर्शन के चलते राज्य के ग्रामीण मजदूर, गरीब वर्ग , मध्यम वर्गीय परिवार व स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा, हड़ताल के चलते सारे सरकारी काम ठप पड़ गया है।
रायपुर छत्तीसगढ़ में करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता (डीए) और आवास किराया भत्ता (एचआरए) में वृद्धि की मांग करते हुए सोमवार से पांच दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी, जिस कारण पूरे प्रदेश में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ।
पांच लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर : – बता दे की छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (सीकेएएफ) के क्षेत्रीय संयोजक कमल वर्मा ने दावा किया कि हड़ताल को राज्य के सभी पांच राजस्व संभागों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार डीए और एचआरए में बढ़ोतरी के लिए पांच लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।
शिक्षक संघों ने भी दिया हड़ताल को समर्थन : – शिक्षक संघों ने भी कर्मचारियों के इस हड़ताल को समर्थन दिया है। इससे पहले दिन में, भाजपा ने यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि भूपेश बघेल सरकार 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी कर्मचारियों से किए गए वादों को निभाने में विफल रही है।