श्री कृष्ण सुदामा और सुदामा की दोस्ती एक मिसाल है/पं.संजय दुबे

मित्र के प्रति ईमानदारी, त्याग और सम्मान का भाव रखे -पं.संजय दुबे

मनोज साहु  पाटन / पाटन के समीपस्त ग्राम मटंग में नौ द्विशीय भागवत कथा का आयोजन ग्रामवासियों के सहयोग से हो रहा है।
कथा वाचन पं. श्री संजय दुबे के श्रीमुख से किया जा रहा है! आज कथा का आठवाँ दिन सुदामा चरित्र का झांकी के माध्यम से वर्णन किया गया।
कथा वाचक पंडित श्री संजय दुबे ने जन मानस को सुदामा और श्री कृष्ण की मित्रता के बारे में कहा की भारतीय परंपरा में मित्र का जीवन में बहुत बड़ा स्थान होता है। जीवन में माता पिता और गुरू के बाद मित्र को विशेष स्थान दिया गया है। मित्र हमारे सुख-दुख के साथी होते हैं। किसी भी परिस्थिति में मित्र हमेशा साथ खड़े होते है। भारतीय परंपरा मित्रता की बहुत सारी कहानियां प्रचलित है। इन्हीं में से एक श्री कृष्ण और सुदामा की कहानी है। जिससे हमें मित्र के प्रति ईमानदारी, त्याग और सम्मान का भाव दिखाई देता है। जब कभी मित्रता की बात होती है तो श्री कृष्ण और सुदामा की मिसाल दी जाती है।

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श्री कृष्ण सुदामा और सुदामा की दोस्ती एक मिसाल है। जब कृष्ण बालपन में ऋषि संदीपन के यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तो उनकी मित्रता सुदामा से हुई थी। कृष्ण एक राजपरिवार में और सुदामा ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे। परंतु दोनों की मित्रता का गुणगान पूरी दुनिया करती है। शिक्षा-दीक्षा समाप्त होने के बाद भगवान कृष्ण राजा बन गए वहीं दूसरी तरफ सुदामा के बुरे दौर की शुरुआत हो चुकी थी। बुरे दिन से परेशान होकर सुदामा की पत्नी ने उन्हें राजा श्री कृष्ण से मिलने जाने के लिए कहा।

•मित्र सुदामा के आने का संदेश पाकर श्री कृष्ण नंगे पाँव दौड़ पड़े

पत्नी के जिद्द को मानकर सुदामा अपने बाल सखा श्री कृष्ण से मिलने द्वारिका गए। जब राजा कृष्ण अपने मित्र सुदामा के आने का संदेश पाकर कृष्ण नंगे पैर ही उन्हें लेने के लिए दौड़ पड़ते हैं। मित्र सुदामा की दयनीय हालत देखकर भगवान कृष्ण के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। भगवान श्री कृष्ण ने मित्र सुदामा का पैर अपने आंसुओं से धूल दिया। यह घटना भगवान श्री कृष्ण का अपने मित्र सुदामा के प्रति अनन्य प्रेम को दर्शाता है, इसीलिए कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की मिसाल दी जाती है।
आज तुलसी वर्षा के साथ परीक्षित मोक्ष उसके बाद भागवत भगवान की ग्राम में भर्मण किया गया! सभी ग्रामवासियों ने पूजा के थाली सजाकर आरती किया!
ईस अवसर पर सरजू राम साहू, बल्दु राम साहू, गुड्डू निर्मलकर, पोशू राम निर्मलकर, मनोज साहू, भागवत प्रसाद वर्मा, घनश्याम पटेल,तुलसी राम साहू, धर्मेंद्र बंछोर,दाऊलाल साहू,ओंकार यादव, रूपचंद देवांगन, जीतेन्द्र कोसरे, हेमराज साहू, खेमलाल निर्मलकर, हरिशंकर साहू, सविता साहू, सरोज साहू, गंगा साहू, पार्वती साहू सहित सैकड़ो नागरिक उपस्थित रहे।

KARAN SAHU
KARAN SAHU
करन साहू कार्यक्षेत्र - पाटन ( छ.ग. ) "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़"

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