Chhattisgarh24News : रति अग्निहोत्री को पता नहीं था कि उन दिनों जो फोटो तैयार होते थे उनमें कुछ ऐसे कैमिकल्स भी इस्तेमाल होते थे जो इंसान के शरीर में पहुंच जाएं तो उसे बीमार कर सकते हैं। फिल्म में एक दृश्य है जिसमें रति अग्निहोत्री एक जले हुए फोटो की राख अपनी चाय में मिलाकर पी जाती हैं। उस सीन को फिल्माते वक्त रति ने सच में ऐसा किया था। किस्मत अच्छी रही उनकी कि उनके शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। ये फिल्म है एक दूजे के लिए। आज इस फिल्म को रिलीज़ हुए 43 साल हो गए। 5 जून 1981 के दिन ये फिल्म रिलीज़ हुई थी। इसे डायरेक्ट किया था के.बालाचंदर ने।
के.बालाचंदर ने रिलीज़ करने से पहले ये फिल्म राज कपूर को दिखाई थी। राज कपूर ने फिल्म देखी और उन्हें ये फिल्म बहुत अच्छी भी लगी। लेकिन उन्हें इसकी एंडिंग पसंद नहीं आई थी। उन्होंने के.बालाचंदर को सलाह दी कि उन्हें इसकी एंडिंग बदलनी चाहिए।
ये फिल्म रति अग्निहोत्री की पहली हिंदी फिल्म थी। इससे पहले रति कई फिल्मों में काम कर चुकी थी। लेकिन वो सब दक्षिण भारतीय फिल्म थी। और केवल रति ही नहीं, एक्ट्रेस माधवी व एक्टर कमल हासन की भी यही पहली हिंदी फिल्म थी। और तो और, महान गायक एस.पी.बालासुब्रमण्यम ने भी पहली दफा इसी फिल्म में हिंदी गीत गाए थे। हालांकि शुरुआत में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल को लग रहा था कि शायद एस.पी.बालासुब्रमण्यम हिंदी गीत सही से नहीं गा पाएंगे। मगर डायरेक्टर के.बालाचंदर को इन पर पूरा भरोसा था। उन्होंने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल से कहा कि अगर साउथ का एक एक्टर इस फिल्म में अच्छा काम कर सकता है तो साउथ का गायक भी अच्छा गा सकता है। एस.पी.बालासुब्रमण्यम पर के.बालाचंदर का भरोसा काम कर गया। इस फिल्म के गीत बहुत पसंद किए गए। और खूब चले।