जगदलपुर : बस्तर क्षेत्र के कांगेर वेली नेशनल पार्क में स्थित कोटमसर गुफा (Kotumsar Cave) अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए काफी प्रसिद्ध है। और हर साल की तरह इस साल भी राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पर्यटकों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया था। लेकिन ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर इसे खोलने के विरोध में जमकर विरोध किया है, इसके बाद कोटमसर गुफा को खोलने को लेकर इस साल विवाद खड़ा हो गया है।
आपको बता दें कि, जब कोटमसर गुफा (Kotumsar Cave) को खोलने के लिए प्रबंधक वहां पहुंचे, तो उन्हें स्थानीय ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पर्यटक निराश होकर वापिस लौट गए। वहीं सुबह 5 बजे से ग्रामीणों ने नेशनल पार्क के मुख्य द्वार पर धरना देना शुरू कर दिए है। और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
हर साल खुलता है कोटमसर गुफा !
दरअसल, हर साल बारिश की मौसम के बाद राज्य स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर को इस गुफा के द्वार खोले जाते हैं. सैंकड़ों पर्यटक यहां प्रकृति का अद्भुद नजारा देखने को आते हैं, जिससे ग्रामीणों को अच्छा रोजगार मिलता है। लेकिन इस बार सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए गांव वालों की तरफ से लगाए जाने वाले टिकट काउंटर के स्थान में बदलाव किया गया है। जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
गांव में रोजगार की कमी !
गांव वालों का आरोप है कि, पिछले कई वर्षों से कोटमसर गांव के पास गुफा के लिए टिकट काउंटर और पार्किंग की सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिससे लगभग 100-150 आदिवासी ग्रामीणों को रोजगार मिलता था। पर्यटकों को बस्तर के स्थानीय व्यंजन परोसते और नृत्य-प्रदर्शन करते थे, जिससे उनकी आमदनी सुरक्षित रहती थी।
गुफा से 5 किमी दूर बनाया गया टिकट काउंटर
इस बार प्रशासन ने टिकट काउंटर को गुफा से 5 किलोमीटर पहले नेशनल हाइवे के पास स्थानांतरित कर दिया है। इससे ग्रामीणों का रोजगार और आय का स्रोत उनसे दूर हो गया । नाराज गांव वालों ने कहा कि, नई व्यवस्था उनके रोजगार को छीन रही है, इसलिए वे सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।