
कलेक्टर को जन्मदिन पर बधाई भी काम न आई, अब कलमकार सड़क पर उतरेंगे
बालोद/डौंडीलोहारा।
शिक्षा विभाग के युक्तिकरण मामले में हो रही कथित धांधली तथा हिमांशु मिश्रा को मिल रहे अभयदान ने प्रदेशभर के पत्रकारों में तीखा आक्रोश पैदा कर दिया है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की खामोशी ने पत्रकारों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रेस रिपोर्टर क्लब बालोद तथा प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़ ने कलेक्टर महोदय को जन्मदिन पर शिष्टाचार स्वरूप बधाई देकर निवेदन भी किया, किंतु आश्वासन को अमल में नहीं बदला गया।
पत्रकारों का कहना है कि हिमांशु मिश्रा से जुड़े प्रकरण में शिकायतें, तथ्य और RTI से प्राप्त सूचनाएं स्पष्ट रूप से अनियमितताओं की ओर इशारा करती हैं, परंतु कार्रवाई के बजाय उन्हें संरक्षण मिलता नजर आ रहा है। “आखिर किसका हाथ उनके सिर पर है?” यह बड़ा सवाल अब खुलकर चर्चा में है।
पत्रकारों का मौन धारण: कलम की खामोशी अब शासन-प्रशासन को जगाएगी
दुर्ग, रायपुर, कांकेर, जगदलपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, कवर्धा सहित कई जिलों के पत्रकार डौंडीलोहारा चौक पर मौन धारण कर धरना देने जा रहे हैं।
यह आंदोलन एक संदेश है—
यदि पत्रकार के सवालों को दबा दिया जाएगा, तो लोकतंत्र की आवाज कमजोर होगी, और जनता का अधिकार हनन माना जाएगा।
पत्रकारों का तर्क है कि जब सूचना के अधिकार (RTI) में भी विभाग उचित जवाब नहीं देता, तो यह सीधे-सीधे पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठाता है।
ज्ञापन कौन लेगा? बड़ा सवाल
मौन-धरने के दौरान प्रदेश स्तरीय पत्रकार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। परंतु सवाल यह है
क्या स्वयं कलेक्टर ज्ञापन लेंगे?
क्या कोई अधिकारी पत्रकारों की आवाज को गंभीरता से सुनेगा?
या फिर मामला फिर से लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा?
पत्रकारों का आरोप है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो यह संदेश जाएगा कि प्रशासन ही भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहा है।
अंततः—प्रेस की खामोशी भी एक बड़ी चेतावनी होगी
जब कलमकार चौक पर मौन धारण कर बैठेंगे, तो यह सिर्फ विरोध नहीं होगा—
यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दर्द होगा।
प्रशासन इस दर्द को समझता है या नहीं, यह आने वाला समय बताएगा।
( एक मत होकर आवाज को मौन में बदलकर शासन प्रशासन को संदेश देने के लिए समस्त सदस्यों को बालोद जिले के डौंडीलोहारा में एकत्रित होंगे