राजनांदगांव : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने आज डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्रा उच्च माध्यमिक विद्यालय बसंतपुर राजनांदगांव के ऑडिटोरियम में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों, आरटीई नोडल अधिकारी, निजी विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रधान पाठक की बैठक ली। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। सभी बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए। हर एक बच्चा शिक्षित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत कोई भी बच्चा प्रवेश करता है, तो उसके साथ वैसा ही व्यवहार करें जिस प्रकार सामान्य तौर पर प्रवेशित बच्चों के साथ व्यवहार करते हैं। ऐसा नहीं करने या शिकायत प्राप्त होने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत प्रवेशित कुछ बच्चे पढ़ाई के मध्य में ही विद्यालय का त्याग कर देते हैं, परन्तु उन विद्यार्थियों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित होता रहता है। ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यालय के द्वारा उन विद्यार्थियों को ड्राप आउट मार्क किया जाना अनिवार्य है, परन्तु अधिकांश विद्यालयों द्वारा आरटीई पोर्टल में कार्यवाही नहीं की जाती है।
उन्होंने कहा कि समर कैम्प के माध्यम से बच्चों की प्रतिभाओं का चिन्हांकन करना है और उसे उस दिशा में विकसित करना है। बच्चों में व्यक्तित्व विकास और आत्मविश्वास होना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए क्या बेहतर कार्य कर सकते हैं इसके लिए कार्ययोजना बनानी चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल ने बताया गया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को उनकी पहुंच सीमा में प्रवेश दिलाया जाता है। इसका मैदानी स्तर पर सफल क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किया जाता है।
निजी विद्यालयों द्वारा दे RTE के विद्यार्थियों को स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री :