छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बघेल सरकार की हट् से ग्रामीण अंचल में चल रहे मनरेगा कार्य ठप…
गणेश प्रसाद सूरजपुर-छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जिले के मनरेगा कर्मचारी और अधिकारी 4 अप्रैल 2022 से हड़ताल पर हैं। मनरेगा कर्मचारी संघ की नियमितीकरण सहित दो सूत्री मांग है। अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल 1 माह से अधिक हो गया है जिससे जिले में 150 करोड़ से अधिक का कार्य प्रभावित होने का अनुमान है। मनरेगा से चलते प्रतिदिन जिले में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन हड़ताल के चलते मनरेगा का कार्य पूरी तरह से बंद है। सूरजपुर ज़िले अंतर्गत 142461 परिवार पंजीकृत है परंतु 457 परिवार को ही रोजगार अप्रैल माह में दिया जा सका इससे मनरेगा मजदूरों में रोजगार समेत रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है मजदूर भी नरेगा कर्मचारियों का समर्थन मे कहने लगे है 5000 अल्प वेतन में कैसे चलेगा इनका परिवार।
मनरेगा कर्मचारी संघ की नियमितीकरण सहित दो सूत्री मांग है। अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल के चलते जिले में 150 करोड़ से अधिक का कार्य प्रभावित होने का अनुमान है। मनरेगा से चलते प्रतिदिन जिले में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन हड़ताल के चलते मनरेगा का कार्य पूरी तरह से बंद है। इससे मनरेगा मजदूरों में रोजगार समेत रोटी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है। मनरेगा कर्मचारी भी अल्प वेतन से परेशान होकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं।
इस बार ग्राम स्तर पर कार्यरत रोजगार सहायक से लेकर तकनीकी सहायक, सहायक ग्रेड, लेखापाल, सहायक प्रोग्रामर, कार्यक्रम अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, भृत्य सहित राज्य स्तर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते मनरेगा का कार्य ठप पड़ा हुआ हैं। हड़ताल पर बैठे मनरेगा संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि सूरजपुर जिले में मनरेगा के तहत रोजाना 70 से 75 हजार लोगों को रोजगार मिलता है। जिसमें लगभग 1 करोड़ 35 लाख रुपये का मजदूरी भुगतान होता है।
इस बार ग्राम स्तर पर कार्यरत रोजगार सहायक से लेकर तकनीकी सहायक, सहायक ग्रेड, लेखापाल, सहायक प्रोग्रामर, कार्यक्रम अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, भृत्य सहित राज्य स्तर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते मनरेगा का कार्य ठप पड़ा हुआ हैं। हड़ताल पर बैठे मनरेगा संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि सूरजपुर जिले में मनरेगा के तहत रोजाना 70 से 75 हजार लोगों को रोजगार मिलता है। जिसमें लगभग 1 करोड़ 35 लाख रुपये का मजदूरी भुगतान होता है।
लेकिन मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से मनरेगा के तहत होने वाले सभी कार्य पूरी तरह से बंद हैं। जिससे न तो कार्य दिवस सृजित हो रहा है और न ही लोगों को रोजगार मिल रहा है। मनरेगा के तहत जिले में 527 अधिकारी कर्मचारी हैं और सभी हड़ताल पर हैं। हड़ताल के एक माह से अधिक होने पर भी मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार चुनाव के समय किये गए अपने वायदे को पूर्ण करे।