दंतेवाड़ा : 15 दिसंबर 2024। छत्तीसगढ़ शासन के वन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता, तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप के दो दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान आज दंतेवाड़ा के टेकनार रोड़ पर बनें देश का पहला वन मंदिर का रिबन काटकर मंत्री श्री केदार कश्यप और विधायक श्री चैतराम अटामी ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य श्री रामूराम नेताम सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं मुख्य वन संरक्षक श्री आर.सी.दुग्गा, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, डीएफओ श्री सागर जाधव, जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।⬇️शेष⬇️
इस दौरान अनौपचारिक चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में वनों के आध्यात्मिक एवं पर्यार्वणीय को महत्व को प्रमुखता दी गई है। वर्तमान में जबकि आज ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन पर पूरी दुनिया में विचार मंथन चल रहा है। उसे देखते हुए वन मंदिर की अवधारणा सराहनीय है। क्षेत्र में निवासरत वनवासी बंधु पीढ़ियों से वनों की रक्षा एवं उसकी संरक्षण के लिए समर्पित रहे है।⬇️शेष⬇️
उल्लेखनीय है कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में बनाये गए वन मंदिर वाटिका में प्रकृति एवं संस्कृति के अनुठे संगम को चरितार्थ किया गया है। वाटिका में प्रवेश करते ही पर्यावरणीय और प्राकृतिक संरक्षण को दर्शाते हुए यहां भारतीय सांस्कृतिक के अनुरूप राशि-ग्रह-नक्षत्र के पौधे, बीमारियों के प्राकृतिक उपचार के लिए योग और औषधि युक्त पौधे की जानकारी देते हुए साइन बोर्ड लगाये गए है। साथ ही क्षेत्र में पाये जाने वाले वन्य पशु पक्षियों एवं तितलियों जैसे जीव जंतुओं की भी सामान्य जानकारी दी गई है।⬇️शेष⬇️
इसके अलावा भगवान श्रीराम के जीवनवृत्त और वनवास काल का भी चित्राकंन वन मंदिर में किया गया है।
इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों से मुलाकात करते हुए उन्होंने बच्चों से पढ़ाई, उनके पसंदीदा विषयों और स्कूल के अनुभवों के बारे में बातचीत की। साथ ही उन्होंने नवनिर्मित वन मंदिर वाटिका के महत्व और इतिहास पर उनके विचार जाने। उन्होंने बच्चों को वन मंदिर वाटिका में रोपे गए धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व के पेड़-पौधों बारे में जानकारी दी उनसे प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक रहने की को कहा। मंत्री ने वन मंदिर में आम के पौधे का रोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने पूरे वन मंदिर का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया और उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन मंदिर को और समृद्ध करने के लिए अन्य प्रकार के पौधों का रोपण भी किया जाए।